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प्रभाचन्द्र
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वादिदेवसूर
बौद्ध प्रमाण-मीमांसा की जैनदृष्टि से समीक्षा
प्रमेयकमलमार्तण्ड
न्यायकुमुदचन्द्र
प्रमाणनयतत्त्वालोक
स्याद्वादरत्नाकर
हेमचन्द्र और प्रमाणमीमांसा
अन्य जैनाचार्य और उनकी कृतियां
नव्य न्याययुग
दिगम्बर श्वेताम्बर - सम्प्रदाय
बौद्ध एवं जैन : बिन्दु एवं प्रतिबिन्दु
द्वितीय अध्याय- प्रमाण- लक्षण और प्रामाण्यवाद बौद्धदर्शन में प्रमाण लक्षण
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प्रथम लक्षण (अज्ञातार्थज्ञापकमिति)
द्वितीय लक्षण (प्रमाणमविसंवादि ज्ञानम्)
दोनों लक्षणों की परस्पर पूरकता
तृतीय लक्षण (अर्थसारूप्यमस्य प्रमाणम्)
जैनदर्शन में प्रमाण- लक्षण
जैनदार्शनिकों द्वारा बौद्ध प्रमाण-लक्षणों का परीक्षण
प्रथम लक्षण का परीक्षण
अकलङ्क ८२, विद्यानन्द ८३, सिद्धर्षिगणि ८३, प्रभाचन्द्र ८५, . हेमचन्द्र ८६
समीक्षण
धारावाहिक ज्ञान के प्रामाण्य एवं अप्रामाण्य-विषयक विचार
द्वितीय लक्षण का परीक्षण
अकलङ्क ८९, विद्यानन्द ९०, सिद्धर्षिगणि ९३, अभयदेवसूरि ९४, वादिदेवसूरि ९९, हेमचन्द्र १०३
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