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सहायक ग्रन्थ-सूची : २९५ परमात्मप्रकाश : योगिन्दु देव, प्रकाशक-श्रीपरमश्रुत प्रभावक मण्डल,
(श्रीमद् राजचन्द जैन शास्त्रमाला ) अगास, तृतीय संस्करण,
सन् १९७३ । पंचास्तिकाय : कुन्दकुन्दाचार्य, प्रकाशक-श्रीपरमश्रुत प्रभावक मण्डल
(श्रीमद्राजचन्द्र जैन शास्त्रमाला ) अगास, तृतीय आवृत्ति,
वि० सं० २०२५ । पंचाध्यायी : कविवर पं० राजमलजी, प्रकाशक-श्री गणेश प्रसाद वर्णी
जैन ग्रन्थमाला बनारस, प्रथम संस्करण, वी० सं० २४७६ । प्रमाणनयतत्त्वालोक : वादिदेवसूरि, अनुवादक-पं० शोभाचन्द्रभारिल्ल
'न्यायतीर्थ' प्रकाशक-आत्म-जागृति कार्यालय, जैनगुरुकुल
शिक्षण संघ, ब्यावर, प्रथम आवृत्ति, सन् १९४२।। प्रश्नव्याकरण सूत्र ( वृत्तिसहित ) प्रथम-द्वितीय खण्ड : ज्ञानविमलसूरि,
प्रकाशक-श्री मुक्तिविमल जैन ग्रन्थमाला, अहमदाबाद वि०सं०
१९९५ । प्रज्ञापनासूत्र ( टीका अनुवाद सहित): श्यामाचार्य अनु०-पं० भगवान
दास हर्षचन्द्र, प्रकाशक-शारदा-भवन जैन सोसायटी, अहमदा
बाद सं० १९९१ । प्रवचनसार : श्रीमद्कुन्दकुन्दाचार्य, प्रकाशक-श्रीपरमश्रुत प्रभावक
मण्डल (श्रीमद्रराजचन्द्र जैनशास्त्रमाला) अगास, तृतीय
आवृत्ति, वि० सं० २०२१ । प्रशमरतिप्रकरण : वाचक उमास्वाति, प्रकाशक-श्रीपरमश्रत प्रभावक
मण्डल, चौकसी चैम्बर, खाराकुआँ, जोहरी बाजार, बम्बई-२
प्रथम आवृत्ति, सन् १९५० ।। प्रज्ञोपायविनिश्चय : अनंगवज्र, प्रकाशक-ओरियण्टल इंस्टिट्यूट, बड़ौदा
सन् १९२९ । पुरुषार्थसिद्धयुपाय : अमृतचन्द्राचार्य, प्रकाशक-श्रीपरमश्रुत प्रभावक
मण्डल (श्रीमदराजचन्द्र जैन शास्त्रमाला ), अगास, प्रथम
आवृत्ति, सन् १९६६ । बृहत्कल्पसूत्र (हिन्दी भाषानुवाद सहित ) : अनु० श्री अमोलकऋषि जी,
प्रकाशक-राजाबहादुर लाला सुखदेव सहाय ज्वाला प्रसाद जी जौहरी, जैनशास्त्रोद्धार मुद्रणालय, सिकन्दराबाद, वी० सं० २४४६।
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