________________
( 40 )
रात्रिभोजन शास्त्रानुसार नरक गति का द्वार तो है ही साथ ही हमारे प्राणों का वध करने में भी मुख्य भूमिका निभाता है। कुछ लोग अहमदाबाद में नेहरू-ब्रीज के कॉर्नर पर रात के १२ बजे अदरक-नींबू युक्त निचोड़ा हुआ गन्ने का रस पी रहे थे। आधा गिलास पिया होगा, तभी बेहोश होकर एक-एक कर गिरने लगे। ठेले वाला मशीन को वही छोड़कर भाग गया। पुलिस आई। जाँच करने पर पता चला कि गन्ने के बीच छोटा सांप का बच्चा पिस गया था और उसका जहर रस पीने वालों को चढ़ गया। उन सबको हॉस्पीटल ले जाना पड़ा। दोस्तों! घर में बहुत सफाई
और सावधानी रखने के बाद भी कभी भोजन में मक्खी, कीड़े तथा कमरों में मच्छर, कॉकरोच, चूहे आदि निकल आते हैं तो होटलों, रेस्टोरेन्ट और ठेलों पर ध्यान रखने वाला कौन है? भयंकर हिंसाचार से तथा इस तरह की परिस्थिति से बचने के लिए रात्रिभोजन परित्याग का नियम ग्रहण कर लेना चाहिए।
मुंबई गोवालिया टेंक में केम्प्स कॉर्नर के पास एक विशाल फ्लैट में ४० लोगों का एक परिवार आज भी एक रसोड़े में खाना खाता है। सभी आनंद से रहते हैं। आश्चर्य की बात यह है कि कुटुम्ब के सभी सदस्यों को रात्रिभोजन का त्याग हैं। कुटुम्ब में पलता ऐसा धर्म सभी को साथ रहने का बल प्रदान करता हैं। निश्चय ही ऐसे परिवारों के साथ धर्मबल भी है।३९
प्राचीन समय की बात है। एक शहर में तीन मित्र रहते थे। एक जैन धर्मी श्रावक, दूसरा मिथ्यात्वी और तीसरा भद्र प्रकृति
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org