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________________ ६८ मानतुंगाचार्य और उनके स्तोत्र Jain Education International (तालिका क्रमांक ६) अष्टमहाप्रातिहार्य छत्राधिछत्र चामर भामंडल कल्पद्रुम दुन्दुभिघोष पुष्पवृष्टि (दिव्यध्वनि) | (२) छत्रत्रय चतुषष्ठ चामर| भामंडल (८) अशोकवृक्ष दुन्दुभि | पुष्पवृष्टि गण | (२) छत्र चामर भामण्डल अशोक दुन्दुभि । सुमनोवर्षा | दिव्यध्वनि (२) For Private & Personal Use Only आतपत्र चामर भामंडल क्रमांक कृति नागेन्द्रवंशीय विमलसूरि आसन कृत पउमचरिय (प्राय: ईस्वी ४७३) २ तिलोयपण्णत्ती सिंहासन (प्राय: ईस्वी ५५०) स्वामी समन्तभद्रकृत आसन स्तुतिविद्या (प्रायः ईस्वी ६००) ४ सूत्रकृतांगचूर्णि आसन (प्राय: ईस्वी ६७५-७००) (५) एवं नन्दीसूत्र की हारिभद्रीयाटीका के अन्तर्गत उद्धरण उद्योतनसूरिकृत आसन कुवलयमाला कहा (१) (ईस्वी. ७७८) अज्ञात (यापनीय) कर्ता सिंहविष्टर का ३४ अतिशयअष्ट प्रातिहार्य स्तवन (प्राय: ७वीं शती) अशोकवृक्ष दुन्दुभि (१) (७) सुरपुष्पवृष्टि दिव्यध्वनि (२) (३) छत्रत्रय चामर (६) भामंडल (२) | अशोक (४) दुंदुभि । (३) कुसुम | दिव्यध्वनि (७) (८) | छत्रत्रय चामर युगल | भामंडल (रक्त) अशोक | दुन्दुभि कुसुमवृष्टि दिव्यध्वनि www.jainelibrary.org | (५) (२) । (७)
SR No.002107
Book TitleMantungacharya aur unke Stotra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorM A Dhaky, Jitendra B Shah
PublisherShardaben Chimanbhai Educational Research Centre
Publication Year1999
Total Pages154
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size8 MB
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