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मानतुंगाचार्य और उनके स्तोत्र
(१८) प्रेमी, पं० नाथूराम "प्रस्तावना' भक्तामरस्तोत्र, जैनग्रन्थरत्नाकरकार्यालय, बम्बई
१९१६, तथा जैन साहित्य और इतिहास, बम्बई १९५६. (१९) मुखतार, पं० जुगलकिशोर जैन साहित्य और इतिहास पर विशद प्रकाश, कलकत्ता१९५६. (२०) शास्त्री, अजितकुमार जैन (१) “भक्तामरस्तोत्र'' (हिन्दी), अनेकान्त, वर्ष-२, किरण १,
न्यू दिल्ली वि० सं० १९९५ (ईस्वी १९३८), पृ० ७०-७१. (२) “परिचय' (हिन्दी), भक्तामरस्तोत्र, सं० हीरालाल जैन
'कौशल', दिल्ली १९५६, पृष्ठ २७-३३. (२१) शास्त्री, पं० अमृतलाल "भक्तामरस्तोत्रम्," राजविद्यामन्दिर प्रकाशन-१, द्वितीय
संस्करण, वाराणसी १९६९. (२२) शास्त्री, डा० नेमिचन्द्र (१) “आचार्य मानतुंग' (हिन्दी), अनेकान्त, वर्ष २८, किरण
६, फरवरी १९६६, पृ० २४२-२४७. (२) संस्कृत काव्य के विकास में जैन कवियों का योगदान
(हिन्दी), ज्ञानपीठ मूर्तिदेवी ग्रन्थमाला : हिन्दी ग्रन्थांक
१४, दिल्ली १९७१, पृ० ५००-५०४. (३) “कवीश्वर मानतुंग', (हिन्दी), भारतीय संस्कृति के
विकास में जैन-वाङ्मय का अवदान, (प्रथम खण्ड),
सागर १९८२, पृ० २११-२१८. (२३) शाह, पं० धीरजलाल टोकरशी भक्तामररहस्य, पहेलो खण्ड, “प्रास्ताविक' (गुजराती), मुंबई
१९७१, पृ० ३-६५. (२४) शाह, पोपटलाल केवलचन्द “भक्तामरस्तोत्र अने श्री मानतुंगाचार्य' (गुजराती), जैनयुग,
पुस्तक ४, वि० स० १९८५ (ई० स० १९२९), अषाढ़-श्रावण,
अंक ११-१२, पृ० ४७७-४७९. (२५) शाह, रमणलाल ची० "भक्तामरस्तोत्र-केटलाक प्रश्नो” (गुजराती), प्रबुद्ध जीवन, मुंबई
१६-४-८७, पृ० २०३-२०४, २०६. (आ) भारतीय (अंग्रेजी) 1. Upadhye, A. N. Siddhasena's Nyāyāvatāra and Other Works,
Bombay 1971. 2. Bhattacharya, D. C. “An Unknown form of Tārā” in The Śakticult
And Tārā (Ed. D.C. Sirkar), Calcutta 1967, pp. 134-142.
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