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________________ २४८ मराठी जैन साहित्य का इतिहास जैन गुरुकुल, सोलापुर ( तथा बाद में बाहुबली, जि. कोल्हापुर ) के मुखपत्र के रूप में मासिक सन्मति का प्रकाशन सन् १९५० से माणिकचन्द भिसीकर के सम्पादन में हो रहा है। इसके सहायक सम्पादक सुमेर जैन तथा सुभाषचन्द्र अक्कोळे हैं। __ श्रेणिक अन्नदाते, बम्बई द्वारा सम्पादित पाक्षिक पत्र तीर्थकर प्रगतिशील विचारों का प्रतिनिधित्व करता है (प्रारम्भ १९६८ )। ____ कान्तिलाल चोरडिया, पूना द्वारा १९६९ में पाक्षिक जैन जागृति का प्रकाशन प्रारम्भ किया गया है। उपसंहार सर्वजनोपयोगी दैनिक पत्रों के संपादन में भी कुछ जैन विद्वानों ने प्रमुख स्थान प्राप्त किया है। इनमें सोलापुर समाचार के सहसंपादक नानचन्द शहा तथा दैनिक सत्यवादी, कोल्हापुर के संपादक बालासाहेब पाटील प्रमुख हैं। पिछले दस वर्षों में मराठी साहित्य के छिटपुट प्रकाशन ही हुए हैं। जीवराज ग्रन्थमाला द्वारा रत्नकीर्ति और चन्द्रकीति का आराधना कथाकोष (सम्पादक प्रा० शांतिकुमार किल्लेदार) प्रकाशित हुआ है तथा पहले मराठी जैन लेखक गुणकीति की एक छोटी गुजराती रचना विवेक विलास (वि० जोहरापुरकर द्वारा सम्पादित) इसी ग्रन्थमाला ने प्रकाशित की है । २५००वें महावीर निर्वाणोत्सव के अवसर पर कई पुस्तिकाएँ और स्मारिकाएं निकली हैं। प्राचीन मराठी कथापंचक (वि० जोहरापुरकर द्वारा सम्पादित) में चिमनापंडित की अनन्तव्रतकथा, पुण्यसागर की आदित्यव्रतकथा, महीचंद्र की निर्दोषसप्तमी कथा तथा लक्ष्मीचंद्र की मेघमाला कथा जीवराज ग्रन्थमाला से प्रकाशित हुई है। ___ मराठी जैन साहित्य के प्राचीन और आधुनिक प्रमुख निर्माताओं का संक्षिप्त परिचय देने का प्रयास इस प्रकरण में किया गया है। विस्तार भय से इन लेखकों की कृतियों की ऐतिहासिक, साहित्यिक या तात्त्विक विशेषताओं का विवेचन यहीं नहीं किया जा सका। फिर भी हमें आशा है कि विषय की स्थूल रूपरेखा विद्वानों के समक्ष रखने का हमारा उद्देश्य सफल माना जायेगा। इस प्रकरण को वर्तमान स्वरूप देने में प्रा० शान्तिकुमार किल्लेदार तथा डा० सुभाषचन्द्र अक्कोळे, इन दो मित्रों की सहायता महत्वपूर्ण रही है। अन्य जिन विद्वानों के ग्रन्थों का उपयोग हुआ है उनका यथास्थान निर्देश किया है। उन सब के प्रति हम कृतज्ञता प्रकट करते हैं। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002100
Book TitleJain Sahitya Ka Bruhad Itihas Part 7
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmbalal P Shah
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1981
Total Pages284
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Literature
File Size11 MB
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