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________________ [ iii ] अध्याय ५ गद्य ग्रंथ, इलक्कणम् निघंटु आदि १८६-२०० गद्य ग्रंथ : श्रीपुराणम् १८६; निघंटु ग्रंथः दिवाकरम् १८८, पिंगलन्दै १८९, चूडामणि निघंटु १८९; इलक्कणम् १८९, पाट्टियल १९०, याप्पींगलम् (अलंकारग्रंथ) १९२, इळम्पूरणर् १९३, नेमिनाथर १९४, अडियाक्कु नल्लार १९४, नन्नूल १९५, नम्बि अहप्पोरूळ् १९५, नचिनाक्कियर् १९६, अन्य ( अप्राप्य ) जैन ग्रन्थ १९७, उपसंहार १९७, हमारा दायित्व १९८ (स) मराठी जैन साहित्य का इतिहास २०१-२४८ अध्याय १ प्रास्ताविक २०१-२०६ महाराष्ट्र प्रदेश और जैन धर्म २०१, मराठी भाषा का उद्भव २०१, मराठी जैन साहित्य का अध्ययन २०३, मराठी जैन साहित्य का वर्गीकरण २०४, प्रारम्भिक एवं मध्ययुगीन मराठी जैन साहित्य २०४, आधुनिक मराठी जैन साहित्य २०५ अध्याय २ प्रारम्भिक एवं मध्ययुगीन मराठी जैन साहित्यकार एवं उनकी रचनाएँ २०७-२३४ गुणदास २०७, गुणकीर्ति २०८, जिनस २०९, मेघराज २१०, कामराज २१०, सूरिजन २११, नागो आया २११, गुणनन्दि २११, अभयकीति २१२, वीरदास (पासकीवि ) २१२, दामापण्डित २१३, भानुकीर्ति २१४, दयासागर ( दयाभूषण ) २१४, चिमनापण्डित २१४, पुण्यसागर २१६, विशालकीर्ति (प्रथम) २१६, पंतसाबाजी २१६, विशालकीर्ति (द्वितीय) २१७, पद्मकीर्ति २१७, राय २१७, रत्नासा २१७, गंगादास २१८, हेमकीति २१८, मकरन्द २१९, महीचन्द्र २१९, महाकीति २२०, चिन्तामणि २२०; रामकीर्ति २२१, देवेन्द्रकोति २२१, पुण्यसागर (द्वितीय) २२१, छत्रसेन २२१, सटवा २२२, नीबा Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002100
Book TitleJain Sahitya Ka Bruhad Itihas Part 7
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmbalal P Shah
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1981
Total Pages284
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Literature
File Size11 MB
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