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________________ प्रकाशकीय जैन साहित्य का बृहद् इतिहास-भाग-६ में मुख्य रूप से जैन काव्यसाहित्य वर्णित है। प्राकृत शोध संस्थान वैशाली के पूर्व निदेशक, डॉ० गुलाबचन्द्र चौधरी द्वारा लिखित एवं पद्भूषण पं० दलसुख मालवणिया तथा डॉ० मोहन लाल मेहता द्वारा सम्पादित इस महत्त्वपूर्ण भाग का प्रथम संस्करण सन् १९७३ में प्रकाशित हुआ था। इसकी उत्तरोत्तर बढ़ती मांग को दृष्टिगत रखते हुए इसका द्वितीय संस्करण प्रकाशित किया जा रहा है। प्रस्तुत कृति के लेखक डॉ० गुलाबचन्द्र चौधरी एवं सम्पादकद्वयपद्मभूषण पं० दलसुख मालवणिया एवं डॉ० मोहनलाल मेहता के हम बहुत आभारी हैं जिन्होंने इस छठे भाग को पूर्ण कर प्रकाशनार्थ विद्यापीठ को दिया। हम विद्यापीठ के मानद् निदेशक डॉ० सागरमल जैन के भी आभारी हैं जिन्होंने इसके द्वितीय संस्करण को प्रकाशित करने का बहुमूल्य सुझाव दिया। विद्यापीठ के प्रकाशनाधिकारी एवं प्रवक्ता डॉ० श्रीप्रकाश पाण्डेय के प्रति हम आभार प्रकट करते हैं जिन्होंने इसके प्रकाशन सम्बन्धी सम्पूर्ण दायित्व का कुशलता से निर्वहन किया ! - प्रथम संस्करण के प्रूफ संशोधनकर्ता डॉ० हरिहर सिंह एवं क० मधूलिका मेहता के साथ हम श्रीमती लब्बादेवी धर्मपत्नी लाला लद्देशाह के प्रति भी आभार प्रकट करते हैं, जिन्होंने प्रथम संस्करण का प्रकाशन-व्यय भार वहन किया था। इस द्वितीय संस्करण के मुद्रण कार्य को सुन्दर ढंग से पूर्ण करने के लिए वर्द्धमान मुद्रणालय निश्चय ही धन्यवाद के पात्र हैं। जैन साहित्य का इतिहास के सभी छ: भागों का विद्वद्वर्ग एवं सामान्य पाठकों ने हार्दिक स्वागत किया है तथा शोध की दृष्टि से ये समस्त भाग अत्यन्त उपयोगी सिद्ध हुए हैं। आशा है इस छठे भाग के द्वितीय संस्करण को पुनर्प्रकाशित कर हम इसकी बढ़ती मांग को पूरी कर सकेंगे। भूपेन्द्रनाथ जैन Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002099
Book TitleJain Sahitya Ka Bruhad Itihas Part 6
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGulabchandra Chaudhary
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1998
Total Pages722
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Literature, Kavya, & Story
File Size11 MB
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