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________________ कथा-साहित्य २५५ कथाएँ हैं । कथासंग्रहों का यह एक अच्छा ग्रंथ है जिसका जैनमुनि अपने प्रवचनों में दृष्टान्त के रूप में उपयोग करते थे। ६. सं० १३२५ (सन् १८९१-९५ की रिपोट) के कथासंग्रह में संस्कृत गद्य में आठ कथाएँ-कुरुचन्द्र, पद्माकर आदि की-साधुओं के वसति, शय्या, आसन, आहार-पान, औषधि, वस्त्र और पात्रदान के महत्व से सम्बन्धित हैंदी गई हैं। इनका उल्लेख उपदेशमाला की २४०वी गाथा वसही-सयणासण आदि में है। ७. सं० १३२६ ( सन् १८९१-९५ की रिपार्ट ) के कथासंग्रह में धनदत्त, नागदत्त, मदनावली आदि की कथाएँ पूजा के भिन्न-भिन्न प्रकार के फल प्रदर्शित करने के लिए दी गई हैं। __उपर्युक्त कथासंग्रह के अतिरिक्त जिनरत्नकोश में कुछ कथाकोश विभिन्न नामों से उल्लिखित मिलते हैं, यथा-कथाकल्लोलिनी, कथाग्रंथ, कथाद्वात्रिंशिका (परमानन्द), कथाप्रबन्ध, कथाशतक, कथासमुच्चय, कथासंचय आदि । इन सबके परीक्षणों से जैनकथा साहित्य पर विशेष प्रकाश पड़ने की आशा है।। कुछ अन्य नामों से भी कथाकोश उपलब्ध हुए हैं। पुण्याश्रव-कथाकोश-पुण्याश्रव-कथाकोश' नाम से कथाओं के कतिपय संग्रह हैं । विषय की दृष्टि से इनमें पुण्यार्जन की हेतुभूत कथाओं का संग्रह है। प्रस्तुत संग्रह का परिमाण ४५०० श्लोक-प्रमाण है।" यह संस्कृत गद्य में है जो ६ अधिकारों में विभक्त है जिनमें कुल मिलाकर ५६ कथाएँ हैं । प्रथम पाँच खण्डों में आठ-आठ (अष्टक) कथाएँ हैं और छठे में १६ । कथाओं के प्रारम्भिक पद्यों की संख्या ५७ है पर १२.१३वीं कथाओं को एक माना गया है इससे कथाएँ ५६ ही हैं। इन कथाओं में उन पुरुषों और १. उपर्युक्त कुछ कथा-संग्रहों का परिचय बृहत्कथाकोश की प्रस्तावना में डा. उपाध्ये द्वारा प्रस्तुत विवरण से लिया गया है। २. पृ० ६६-६७. ३. जिनरत्नकोश, पृ. २५२, रामचन्द्र मुमुक्षुकृत, नेमिचन्द्रगणिकृत (ग्रन्थान ४५०० ) तथा नागराजकृत रचनाएँ। कवि रइधू ने अपभ्रंश में 'पुण्णासव कहाकोसो' लिखा है। ४. जैन संस्कृति संरक्षक संघ, सोलापुर, १९६४, हिन्दी अनुवादसहित. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002099
Book TitleJain Sahitya Ka Bruhad Itihas Part 6
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGulabchandra Chaudhary
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1998
Total Pages722
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Literature, Kavya, & Story
File Size11 MB
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