SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 207
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ जैन साहित्य का बृहद् इतिहास नगर में वघेला नरेश वीसलदेव के राज्य में वि० सं० १३१२ में दीपावली के दिन हुई थी । १९४ अभयकुमारचरित नाम की रचनाओं में भट्टारक सकलकीर्तिकृत तथा एक अज्ञात लेखक की रचना का उल्लेख मिलता है ।" महावीरकालीन अन्य पात्रों के चरित : भगवान् महावीर के समकालीन अनेक सन्तों, नरेशों, धार्मिक राजकुमारों, राजकुमारियों तथा सेठ, गृहस्थ एवं अन्य वर्ग के लोगों के चरित्र पर भी जैन कवियों ने काव्य लिखे हैं । राजन्यवर्ग में राजगृह के नृप श्रेणिक और उसके राजकुमारों के अतिरिक्त कौशाम्बी नरेश पर उदयनचरित्र', उज्जैनी नृप पर प्रद्योतकथा, सिन्धु- सौवीर नृपति पर उदायनराजकथा, दशार्णभद्र देश के राजा पर दशार्णभद्रचरित' ( प्राकृत ) तथा हस्तिनापुर के नरेश पर शिवराजर्षिचरित' लिखे गये हैं । इसी तरह राजकुमारों में पृष्ठचम्पा के राजकुमार महाशाल, अतिमुक्तक' और मृगापुत्र' पर चरितग्रन्थ उपलब्ध हैं । धार्मिक सेठों में धन्यकुमार - शालिभद्र के अतिरिक्त सुदर्शन सेठ" पर भी कई काव्य लिखे गये हैं। धनी गृहस्थों में कामदेव" श्रावक का चरित्र उल्लेखनीय है । इसी तरह आनन्दादि दस श्रावकों पर भी चरितग्रन्थ उपलब्ध हैं । १२ १. जिनरत्नकोश, पृ० १३. २. वही, पृ० ४६. ३. वही, पृ० २६४. ४. वही, पृ० ४६ ५. वही, पृ० १७१. ६. वही, पृ० ३८४. 19. वही, पृ० ३०७. ८. वही, पृ० ४. ९. वही, पृ० ३१३. १०. वही, पृ० ४४४. ११. वही, पृ० ८४. १२. वही, पृ० ३०. Jain Education International ७ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002099
Book TitleJain Sahitya Ka Bruhad Itihas Part 6
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGulabchandra Chaudhary
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1998
Total Pages722
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Literature, Kavya, & Story
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy