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जैन साहित्य का बृहद् इतिहास
९०
१६
शब्द
Jट शब्द लावण्यसिंह १११ वसंतराज
१९६ लाहर
१३४ वसंतराजशाकुन-टीका लाहौर
वसंतराजशाकुन-वृत्ति लिंगानुशासन २१, २३, २९, ३९, वसुदेव ८३, ८६ वसुदेवहिंडी
__९८, २३७ लीलावती
२०३ वसुनंदि लूणकरणसर
वस्तुपाल १०९, १११, १२५ लेखलिखनपद्धति
१२७ वस्तुपाल-प्रशस्ति लोकप्रकाश
वस्तुपालप्रशस्तिकाव्य ११० वस्त्र
वाक्यप्रकाश बंशीधरजी
वाग्भट १०५, ११५, १३७, २२९, वक्रोक्तिपंचाशिका
२३४, २३५ वग्गकेवली
२०६
वाग्भटालंकार ९९, १०५, ११६ वज्र
वाग्भटालंकार-वृत्ति वज्रसेनसूरि
१४९
वाघजी वनमाला
१८४ वाचस्पति
७७, ८२, ८६ वरदराज
वादार्थनिरूपण वरमंगलिकास्तोत्र
१२१
वादिपर्वतवज्र वररुचि ४, १५०. २२८
बादिराज २०, १०८, ९१६ वराह
१६७
वादिसिंह वराहमिहिर १६८, १७१, १९१, १९५ वर्गकेवली
वामन २०६
४८, ९७, १२४, १२५ वाराणसी
२०६ वधमान वर्धमानविद्याकल्प १६६, १७०
वासवदत्ता-टीका वर्धमानसूरि १८, २०.२२, २३. वासवदत्ता-वृत्ति अथवा व्याख्या४८, १०८, १३३, १३७,
टीका १२६ १९८, २१०
२०६ वर्षप्रबोध ४३, १७२, १७९ वासुदेवराव जनार्दन कशेलीकर ८४ वल्लभ
३९, १६२ वास्तुसार वल्लभगणि
वाहन
१
१६२
वासुकि
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