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________________ अनुक्रमणिका २९७ २७६ २७६ शब्द पृष्ठ कर्बट कर्म १७५, २२८ कर्मकाण्ड ७७, १०८, २५२ कर्मग्रंथ १०२ कर्मचय १७७, १८१ कर्मचयवाद १७८ कर्मप्रवाद ९१, ९९, १०१ कर्मप्रस्थापन २४८ कर्मबन्ध १८० कर्मबन्धन १८१, २०४ कर्मभूमि २४६ कर्मयोग २४८ कर्मवादी १४५, १७८ कर्मविपाक २८१ कर्मवीर्य १९२ कर्मसमर्जन २४८ कर्मोपार्जन २४८ कलंद २४० १०८, २५१, २७७ कलिंगगत १३० कलियुग २४४ कल्प २४७ कल्पसूत्र ९५, ११५, १२७, १२९, २१४, २८६ कल्पातीत कल्पान्तर २३१ कल्प्य १७३, १७४ कल्याण ९१,१०१ कल्याणविजय कल्योज २४४ कवलीकार आहार २०४ कषाय २४७ ............ शब्द पृष्ठ कहावली १२८ कांक्षामोहनीय २३० कांजी कांटा १६२ कांदपिक २२९ काकंदी २१४, २६८ कादम्बरी १०५, २५३ कामज्झया कामड्ढितगण २१५ कामदेव २५७ कामध्वजा कामावेश १७३ कामिड्ढि २१४ कामोपचार २७७ काम्पित्य २२३ कायचिकित्सा २७९ कायशुद्धि १११ कारागार २५१ कार्तिक २४४, २६७ कार्तिकसेठ २४३ काल २४७ कालसंवेध कालासवेसियपुत्त २३२ कालिक ७९, ८२, १२२, २१७ कालिकश्रत २४६ कालिदास २६८ काली २६५ कालोदायी १०७, २४४ काशी काश्यप १९९, २१४ काश्यपगोत्रीय कास २७६ २४७ २४७ २४० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002094
Book TitleJain Sahitya Ka Bruhad Itihas Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBechardas Doshi
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1989
Total Pages348
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Canon, & Agam
File Size13 MB
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