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________________ अंग ग्रन्थों का बाह्य परिचय तालिका–२ सचेलक परम्परा बारहवें अंग दृष्टिवाद के चौदह पूर्व १. पूर्व का २. समवायांग- ३. नंदिगत ४. समवा नाम गत पदसंख्या पदसंख्या यांग-वृत्ति १. उत्पाद x एक करोड़ पद २. अग्रायणीय x x छियानबे लाख ५. नंदि-वृत्ति x एक करोड़ पद छियानबे लाख पद x x सत्तर लाख पद सत्तर लाख पद ३. वीर्य प्रवाद ४. अस्तिनास्तिप्रवाद x x साठ लाख पद साठ लाख पद ५. ज्ञानप्रवाद x x ६. सत्यप्रवाद '७. आत्मप्रवाद ८. कर्मप्रवाद x x x xx x ९. प्रत्याख्यानपद x १०. विद्यानुवाद x x एक कम एक एक कम एक करोड़ पद करोड़ पद x एक करोड़ छः पद एक करोड़ छः पद x छब्बीस करोड़ पद छब्बीस करोड़ पद x एक करोड़ अस्सी एक करोड़ अस्सी हजार पद हजार पद x चौरासी लाख पद चौरासी लाख पद x एक करोड़ दस लाख एक करोड़ दस लाख पद पद x छब्बीस करोड़ पद छब्बीस करोड़ पद ___x एक करोड़ छप्पन एक करोड़ छप्पन लाख पद लाख पद x नौ करोड़ पद नौ करोड़ पद x साढ़े बारह करोड़ साढ़े बारह करोड़ ११. अवंध्य x १२. प्राणायु x १३. क्रियाविशाल x १४. लोकबिन्दुसार x पद पद Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002094
Book TitleJain Sahitya Ka Bruhad Itihas Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBechardas Doshi
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1989
Total Pages348
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Canon, & Agam
File Size13 MB
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