SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 160
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ जिनउदय (जिनोदय सूरि) १४३ पाप को तापनिवारक को हिय ध्यान उपावन को विरची सी, पुण्यपथ पावन को गृह श्री शुद्ध ग्यान ज्ञान जगावन के परची सी। ऋद्धि दिवावन को हरि सी यह बुद्धि वधावन कौ गिरची सी, श्री जिनसुन्दर सूरि सुसीस कहै उदैसूरि सु जैनपचीसी।' सं० १४२२ में जिनेश्वर सूरि ने वेगड़ शाखा का प्रवर्तन किया था। उनके पाट पर क्रमश: जिनशेखर>जिनधर्म>जिनचंद सूरि> जिनमेरु सूरि>जिनगुण सूरि>जिनेश्वर सूरि>जिनचंद सूरि>जिनसमुद्र सरि>जिनभद्र सरि की परम्परा में गुण समुद्र सूरि और जिनसुंदर सूरि हुए, जिनके शिष्य प्रस्तुत कवि उदयसूरि हुए। ये पाट पर नहीं विराजे बल्कि मात्र आचार्य थे अतः इनका वर्णन पट्टावली में नहीं किया गया है। जिनचन्द सरि--खरतरगच्छीय जिनराज सूरि के प्रशिष्य और जिनरंगसूरि के शिष्य थे । इनकी रचना 'मेघकूमार चौपाई' सं०१७२७ उपलब्ध हैं। उसका विवरण-उद्धरण दिया जा रहा है-- मेघ कुमार चौपाई (४७ ढाल सं० १७२७ कार्तिक शुक्ल ५) आदि-ॐकार स्वरूपमय, परम महातमवंत, करुणासागर अलख गति महावीर भगवंत । कलिमल अनल निवारिवा सावन जलधर धार; करम भरम रजभर हरण, प्रवल पवन परचार । अभिग्रह धारक अहवउ मुनिवर मेघकुमार, तासु चरित बखाणिसुं सुणहु भविक सुखसार । इसमें सं० १०८० में दुर्लभराज द्वारा जिनेश्वर सूरि को खरतर उपाधि से भषित करने के प्रसंग से लेकर जिनदत्त 7 जिनचंद7 (अकबर प्रबोधक)7 जिनसिंह 7 जिनराज 7 जिनरंग तक का सादर स्मरण किया गया है । रचनाकाल कवि ने इन पंक्तियों में बताया है संवत सतर सइ समइ अ, सत्तावीस बखाण; भणतां सुणतां सांभल्यां अ, कीरति लाछि मिलाय ।' १. मोहनलाल दलीचन्द देसाई-जैन गुर्जर कविओ भाग ५ पृ० २६९ (न०सं०) २. अगरचन्द नाहटा-परंपरा पृ० १०९ ३. मोहनलाल दलीचन्द देसाई-जैन गुर्जर कविओ भाग ३, पृ० १२५८-६० (प्र० सं०) और भाग ४, पृ० ३७२-३७४ (न० सं०)। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002092
Book TitleHindi Jain Sahitya ka Bruhad Itihas Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShitikanth Mishr
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1997
Total Pages618
LanguageHindi, MaruGurjar
ClassificationBook_Devnagari, History, & Literature
File Size23 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy