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मरु-गुर्जर जैन साहित्य का बृहद् इतिहास
रत्नकुशल ३८० (भट्टा०) रत्नचंद ३८१ रत्नचन्द्र गणि ६१४ रत्नचन्द्र २१ रत्नचन्द्र II ३६१ रत्नचरित्र ४८१, ४५० रत्ननिधान १७५, ३८२, ४३१ रत्नपाल ३५९ रत्नप्रभ ३६२ रत्नप्रभ शिष्य ३८५ रत्नभूषण सूरि ३८२, ३४४, ३२४ रत्नलाभ ३८५ रत्नविमल ३८६ रत्नविशाल ३८६ रत्नशेखर ५६७ रत्नशेखर सूरि २० रत्नसमुद्र ११७ रत्नसार ३८७, ५२६ रत्नसागर ५६२, २६० रत्नसागर सूरि ५७६ रत्नसिंह सूरि ७१ रत्नसिंह ३२३ रत्नसिंह गणि २७१ रत्नसुन्दर ३८८ रत्नसुन्दर सूरि ३६३ (मुनि) रत्नसरि ३६९, ३७० रत्नहर्ष ३०४, ४९९ रत्नाकर ९९ रमणलाल शाह ५१७, ५१९
चिमनभाई १३४ रतिसागर ५७७ रविषेण ४०९ रविसागर १९७
रसखान १,५१३ रहीम ९, १४ (मुनि) राजचन्द ३९०, ३६३ राजचन्द सूरि ३९१, ४८१ (कवि) राजमल ३९३, ३९४ राजमल्ल पांडे ३९२, ३९४,३०९
३०८ राजमूर्ति गणि ४५६ राजरत्न ५६७ राजरत्न गणि ३९६ राजविजय सूरि ५७१ रामविजय मुनि ५८६ राजविमल २२०, २२२ राजसमुद्र १८५ राजसागर ३९८, १००, ११२,
११३, ३६१, ३६२. ३९७ राजसार २४२, ४६१.४७२ राजसिंह ४९९, ४००, २८४, २८३ राजसुन्दर ४०१ राजसोम ५११, ५०७, ५६९,
४०२, २४२ राजहंस ५०९, ३६, ६१४ राजहंस I ४०३ राजहंस II ४०४ राजहंस गणि १९० राजारामदास ५१२ राजीमती ४०८, २८, ३७८ राजुल १७१ राजुल दे २६८ राणाप्रसाद ४ राघव ३७८ (डा०) राधाकमल मुखर्जी ५, १०
१४, १५, १८
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