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मरु-गुर्जर जैन साहित्य का बृहद् इतिहास श्रावक विधि रास अथवा शुक.. राज रास ३६५, ३२६
षद्रव्य वर्णन २०९ श्रावकाचार चौपई ११७
षट्साधुनी सज्झाय २४८ श्रीगच्छनायक पट्टावली संज्झाय
पडावश्यक बालावबोध १५५ ___ अथवा सोमविमल सूरि गोत षटस्थान प्रकरण संधि ५६१
षडारक (६ आरा) महावीरस्तोत्र श्रीदत्त चौपई २७९, २८२, ६०७
२३३ श्री धन्ना अनगार गीतम् ५१९
षष्टिशतक बालावबोध ६१५ श्रीपाल आख्यान ४५८ श्रीपाल चरित्र २८६, २८७ श्रीपाल चौपाई १२३, ३८५ सकोशल ऋषि ढाल २३१ श्रीपाल रास ४०२, ३७२, ४१२, सगर प्रबन्ध २६८ ४७६
सगाल साह चपई ६९ श्रीपाल चौपई रास २७९, २८१ सगाल शा शेठ चौपई ४५६ श्रीपाल स्तुति ६४, ६६ ।।
सगाल साह रास ६८ श्री पूज्य वाहण गीत १०६, सतरभेदी पूजा स्तवन ४९९. १२२ १०७
सत्तर भेदी पूजा ५०३, ५०४, श्रो पूज्य रत्नसिह रास ५५७
३६५, २५७, ५२९, ५३०, ३८, श्र मंधर स्तव ४४१
४९० श्री शांतिजिन स्तवन ३७५ श्री सम्मेत शिखर रास १६४
सत्तरी बालावबोध ४४९
सनत्कुमार रास ४७, २९८, २७६ श्री सार चौपाई या रास २७९
सनत्कुमार राजषि रास १००, २८०
११३ श्री सुजसबेलि भास ३७१ सप्तव्यसन गीत १०४ शृगार मञ्जरी या शीलवती सप्तव्यसन चौपइ ३८८, ३९० चरित्र १६६, ५६२
सप्तस्मरण बालावबोध ५२९ शृङ्गार रसमाला ५५८
सप्तस्मरण ६१३ श्रुतबोध वृत्ति ५६७ . सप्ततिका बालावबोध ६१४ श्रुतपञ्चमी २९३
सत्य की चौपइ या सम्बन्ध ३५३, श्रतस्कंध २०६
३५८ श्रेणिक प्रबन्ध ८९
सत्यासिया दुष्काल वर्णन छत्तीसी श्रणिक रास ५६०, ४४, ५३, ६१ ५१२, ५१७, ६२४
२७१, २७२, २७३, ३२८ सदयवच्छ वीर चरित्र ६०७
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