________________
ग्रन्थ-अनुक्रमणिका पञ्चाख्यान चौपइ अथवा कथा- प्रतिक्रमण विधि स्तवन ४८०
कल्लोल पञ्चकारण रास प्रतिक्रमण हेतु गर्भित स्वाध्याय ३८८
३७५ पञ्चाशक वृत्ति ३८०
प्रतिबोध रास २६१ पञ्चास्तिकाय बालावबोध ५९३ ।। प्रत्येकबुद्ध चौपइ १३५ पञ्चोपाख्यान १
प्रद्यम्न कथा २३५ पाँचबोलनो मिच्छामी दोकड़ो प्रद्युम्न कुमार चौपई ८० __ बालावबोध ४९८
प्रद्युम्न चरित ६१३ पांच पांडव संज्झाय ५०९. . प्रद्युम्न रास ४११, ४०७ पाखण्ड पञ्चासिका ५४७. . पद्युम्न परदवण रास ४१० पाटण चैत्य परिपाटी ४३९ . . . प्रदेशी चौपई अथवा केसी प्रदेशी पाण्डव पुराण ५०६, ४५८, ४५९ राजा रास १९० पापपुण्य चौपइ ३२३
प्रबन्ध चिंतामणि ३५३ पावचन्द्र स्तुति अयवा सलोका
प्रभाकर रास ५६२ ३६३ पावधवल ३३०
प्रभातिउ ५८६ पार्श्वनाथ गुणवेलि ३९९, १८१,
प्रभावती चौपइ २८४
प्रभावती (उदायन) रास २६१, १८२ पार्श्वनाथ चरित्र २८३, २०
प्रवचन सारोद्धार बालावबोध २७५ पाश्वनाथ दसभव स्तवन १८६ :
२७८ पार्श्वनाथ दसभव बालावबोध २७५ प्रवचनसार ४०३, ४०४ पाव पुराण ४५९
प्रवचनसार बालावबोध ५९३, ६१३ पार्श्वनाथ फाग ५०७ पार्श्वनाथ रास ४९९, ७७, ८९
प्रश्नोत्तर काव्य वृत्ति ३०१, ३३३ पार्श्वनाथ संख्या स्तवन ३८० ।
प्रश्नोत्तर रूप संवाद ३३५ पार्श्व स्तवन १७७, ६०२
प्रश्नोत्तर मालिका अथवा पार्श्व
चन्द्र मत दलन चौपई १३५ पार्श्वचंद्र सूरिना ४७ दोहा १५९
प्रसन्नचंद्र राजर्षि रास ३९७ पार्श्व पुराण २३
प्रस्ताव सवैया छत्तोसी ५१७ पार्श्व लघुस्तवन ३३३
प्राकृत छन्द कोष २० प्रकरणादि विद्या गभित स्तवन प्राकृत पञ्च संग्रह टीका ५५२ संग्रह ३२६
प्राचीन छंद संग्रह ४९२ प्रज्ञापना सूत्र बालावबोध २४० प्राचीन जैन रास संग्रह १९१
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org