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मरु-गुर्जर जैन साहित्य का बृहद् इतिहास चेतन गीत १७८, १७९
चौरासी बोल विसंवाद ५९३,५९२ चेलना सती गीतम् ५१९
चौरासी लाख जीवयोनि विनती चैत्य आदि सन्झाय १३०, ६०३ १४६ चैत्य वंदन २६० चैत्यवंदन भाष्य २४४ चैत्य स्तुति स्तवनादि संग्रह १४०, छकर्म ग्रंथ बालावबोध २३७ २३३
छह लेश्या कवित्त ५६६ (चौदह)१४ गुणस्थान बंधविज्ञप्ति छ आवश्यक स्तवन ४७६
( पार्श्वनाथ स्तबन) १८०, १८२
जइतपद बेलि ७६, ७३, १७४ (चौदह) १४ गुणस्थानक वीर स्तवन ४७६
जगडू चरित ६२३, चौपरवी चौ० ५०७
जगत गुरु काव्य ५८३, २० चौबीस जिन अंतराकार स्तवन जगदम्बा बावनी ५९० १६०
जगदम्बा स्तुति ५३३ चौबीस जिन आंतरा स्तवन १६२ जन्म प्रकाशिका ९७ चौबीस जिन गणधर संख्या स्तवन जयकुमाराख्यान १४६, १४७ १७२
जयचंद्र रास १२७ चौबीस जिन गीत ३२५, ३२६ जयतिहुअण स्तवन बालावबोध चौबीस जिन नमस्कार १०१
१३५ चौबीस जिन वहत्तत्व चौबीसी जयतिहुअण वृत्ति ५१५
जयतिहुअण बालावबोध ४८० चौबीस जिन बोल २४१ जयविजय चौपई ४९९, २४६ चौबीस जिन सात बोल विचार जयसेन लीलावती रास ५५६ गभित स्तवन ४९०
जयानंद रास ३०६ चौबीस जिन स्तवन ४२७, १८७ जलगालन क्रिया १४१ चौबीसी ४७४, ४२९, ५०९, ५१९, जसवंत मुनि रास २४३ ५५६, २६०, २५७
जसविलास २७३ चौबीस स्तवन (चौबीसी) ४० जसोधर गीत १७० चौबीसी ९०, ९३, १७४, ६०९, जंबू कुमार रास ३९१ ३८१, ३७५, १९०
जंबू चरित २८३ चौरासी दिग्पट बोल ५९३ जंबू चौपई ५७८, ४८, ७९ चौबीसी तथा बीसी संग्रह ३२६ जंबू द्वीप पन्नति वृत्ति ३.१
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