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________________ -६३६ -बडशीति ( चौथो कर्म ग्रन्थ) बाला० ३३५ ग गज भञ्जन चौपई ३६० गजसिंह कुमार ९९ -गजसुकुमाल चौपई ३३४, ३३२, ३८५, ४४८, ५०० - गजसुकुमाल ऋषि रास ५५४ ...गजसुकुमाल रास ३९९, १८१, १८१ गजसुकुमाल सन्धि अथवा चौपई ३६२ गणधर सार शतक टव्वा ४८० गायकवाड़ सोरियन्टल सीरीज १०६ गणधर वास स्तवन ५०५ · गणधर वीनती ५५४ गणधर सार शतक लघुवृत्ति २७५ गुरु छंद १६३ ग्यारह (११) अंगनी संज्झाय ३०५ (ग्यारह इक्यावन ), ११५१ स्तवन मंजूषा ३२६ गिरनार उद्धार रास २६१, २६५ गिरनार चैत्य परिपाटी ४२४ गीत परमार्थी ४१९, ४२१ गुण ठाणा विवरण चौपई ७३ गुणधर्म कनकवती प्रबन्ध ६८, ६९ गुणधर्म रास ३३५, ३३७ गुण बावनी ४९ गुणमंजरी कथा बाला० ६१४ गुणमंजरी वरदत्त चौपई १३० या सौभाग्य पञ्चमी या ज्ञान पंचमी मह - गुर्जर जैन साहित्य का बृहद इतिहास गुणसुन्दरी चौपई १०१, ४७२, १३१ गुणस्थान क्रमारोह वाला० ४९९ गुणस्थानक बाला० ६१४ गुण स्थान विचार चोपई ५३० गुणस्थानक गर्भित वीर स्तवन ५२८ गुणप्रभसूरि प्रबन्ध ५२२ गुणसुन्दरी पुण्यपाल चौपई १३५ गुणावली चौपई अथवा गुण करंड गुणावली रास १९५, १९६ Jain Education International गुर्जर जैन कवियों की हिंदी साहित्य को देन ३३ गुरुगीत २४७ गुरुगीतम् ५१९ गुरु गुण छत्तीसी संज्झाय १४० गुरु पुत्र छत्तीसी स्तवन या संज्झाय ४३४, ४३७ गुरु ( गुरुकुल वास ) स्वाध्याय ३५१ गुर्वावली ५७८ गूढ़ विनोद २५४, २५६ गोड़ी पार्श्व स्तवन ९६, २०४ गोड़ी पार्श्वनाथ सार्द्ध शताब्दी स्मारक ग्रन्थ ४९२ गोमट्ट सार बाला० ५९३ गोमट्ट सार ४१८ गोरा बादल कथा १ गोरा बादल री बात १५४, १५२ गोरा बादल कथा अथवा पद्मिनी चौपई ५९० गोड़ी स्तवन १७२, १८४ गौतम कुलक वृत्ति १९१ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002091
Book TitleHindi Jain Sahitya ka Bruhad Itihas Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShitikanth Mishr
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1993
Total Pages704
LanguageHindi, MaruGurjar
ClassificationBook_Devnagari, History, & Literature
File Size10 MB
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