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________________ ६५८ मरुगुर्जर जैन साहित्य ४४१ फार्बस १२ भत्तउ १३२ फिरोजशाह २२४ भत्तउ (कवि) १३४, १३५ फिरोजशाहतुगलक २४७, ३१९ भत्तु १३२ फेरू (ठक्कर) १८६ भरत ५२ बनारसीदास (कवि) ९८, १००, भरतेश्वर (नृपति) १२० १०४,३१७ भर्तृहरि २७, १८८ बप्पट्टिसूरि ५४ भवभूति ३१ बाण ८९ भानुचन्द्र (लोंकागच्छीय) ४४१ बाणभट्ट ५३८ भामह २७ . बाबूरामसक्सेना १७ भारतेन्दु ९५ बालचन्द्र (माधुरसंघीयभट्टारक) भारवि ५२ २८० भालण (कवि) ५७० बालचन्द्रसूरि ११८ भावउपाध्याय (ब्रह्माणगच्छीय) बाहड़ (मंत्री) २४७ बुद्धिसागरसूरि ११० भावकलश ४४३ बुद्धिसागरसूरि (ब्रह्माणगच्छीय) भावदेवसूरि(खंडिल्लगच्छीय) २२४ ३६०, ४४१ भावप्रभ ४४४ बुधराज ४३९ भावसागरसूरि (अंचलगच्छीय) बुधराज (कवि) ५६९ ४४४-४५, ५६४,५६६,४७४ बूचराज (कवि) ४९० भावसागरसूरि शिष्य ४४४ ब्रह्मऋषि ४९१ भावसुन्दर (तपागच्छीय) २५८ ब्रह्म (कवि) ४९० भाबो (भावड) ४४३ ब्रह्मचन्द्रगणि ११३ भास्करवर्मा ६५ ब्रह्मजयसागर (कवि) १०५ भीम २५९ ब्रह्मधर्मरुचि ४०७ भीम (कवि) २५९, ५७० ब्रह्मबूचा ४३४ भीम (श्रावक, कवि) ४४६ ब्रह्ममुनि (विनयदेवसूरि, सौधर्म- भीमदेव (द्वितीय) ११६ गच्छ के प्रवर्तक) ४३० भीमराज ४४६ भक्तिलाभ (खरतरगच्छीय) ४३९ भीमसेन [नन्दीतटशाखा के मुनि] भक्तिविजय ४४० ५२३ भगवानदास १०० भुवनकीर्ति [कोरंटगच्छीय] ४४७ भट्टारकज्ञानभूषण ५४५ भुवनकीर्ति [भट्टारक] ४३४, “भट्टारकभुवनकीति ५४५ ४४७ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002090
Book TitleHindi Jain Sahitya ka Bruhad Itihas Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShitikanth Mishr
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1989
Total Pages690
LanguageHindi, MaruGurjar
ClassificationBook_Devnagari, History, & Literature
File Size11 MB
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