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मरु-गुर्जर जैन साहित्य तिवारी, भगवानदास-हिन्दी जैन साहित्य तोमर, रामसिंह-प्राकृत अपभ्रंश साहित्य और उनका हिन्दी पर प्रभाव,
प्रयाग, १९६३ ई० द्विवेदी, हजारी प्रसाद-हिन्दी साहित्य का आदिकाल, बिहार राष्ट्रभाषा
परिषद, पटना, १९५२ ई० देसाई, मोहनलाल दलीचंद जैन गुर्जर कविओ, भाग १-३, बम्बई,
१९३१-४४ ई० नरोत्तम-संक्षिप्त राजस्थानी व्याकरण नामवर सिंह --हिन्दी के विकास में अपभ्रंश का योग, इलाहाबाद,
१९५२ ई० नाहटा, अगरचंद-प्राचीन काव्यरूपों की परम्परा, बीकानेर नाहटा, अगरचंद-ऐतिहासिक जैन काव्य संग्रह, कलकत्ता, सं० १९९४ नाहटा, अगरचंद-जैन मरु-गुर्जर कवि और उनकी रचनायें नाहटा, अगरचंद-संपा. राजस्थान का जैन साहित्य, प्राकृत भारती,
जयपुर, १९७७ ई० प्रेमी, नाथूराम-हिन्दी जैन साहित्य का इतिहास, बम्बई बिहारीलाल-भट्टारक सकलकीति : व्यक्तित्व एवं कृतित्व [शोध प्रबन्ध] मिश्र, विश्वनाथ प्रसाद-हिन्दी साहित्य का अतीत, भाग-१, वाराणसी मुख्तार जुगलकिशोर-जैनग्रन्थ प्रशस्ति संग्रह, दिल्ली, १९५४ ई० मुनि, जिनविजय-जैन ऐतिहासिक गुर्जर काव्य संचय, भावनगर,
१९२६ ई० मुनि, जिनविजय-प्राचीन गुर्जर गद्य संदर्भ, अहमदाबाद, वि० सं० १९८६ मेनारिया, मोतीलाल-राजस्थानी भाषा और साहित्य, हिन्दी साहित्य
सम्मेलन, प्रयाग मेनारिया, मोतीलाल-डिंगल में वीररस मेहता, चन्द्रकान्त-मध्यकालनो साहित्य प्रकार, बम्बई राठौर, पृथ्वीचंद-'कसन रुक्मिनीरी बेलि'
हिन्दी साहित्य का इतिहास सं० आचार्य रामचन्द्र शुक्ल पृ० १५९-१६०
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