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सहायक-ग्रन्थ सूची : ५३५ पंचसंग्रह (संस्कृत)-अमितगति सूरि, मा० दि० जैन ग्रन्थमाला बम्बई, १९२७. पंचसंग्रह (प्राकृत)-अज्ञात, भारतीय ज्ञानपीठ, काशी, १९६७. पंचाध्यायी-कवि राजमल्ल, वर्णी ग्रन्थमाला, वाराणसी, वी० सं०
२४७६. पंचाशकादि संग्रह-हरिभद्र सूरि, श्री ऋषभदेव केशरीमल जैन श्वे० संस्था,
रतलाम, १९२८. पंचास्तिकाय-कुन्दकुन्दाचार्य, परमश्रुत प्रभावक मंडल, अगास १९६९. पंचवस्तुक-आ० हरिभद्रसूरि, दे० ला० जैन पुस्तकोद्धार फंड, सूरत, १९२७. पद्मनन्दि पंचविंशतिका-जीवराज ग्रन्थमाला, सोलापुर, १९३२. पद्मपुराण-रविषेणाचार्य, भाग १-३, अनु० पं० पन्नालाल जैन, भारतीय
ज्ञानपीठ, काशी, वि० सं० २०१६. परमात्मप्रकाश-योगेन्दु देव, राजचन्द्र ग्रन्थमाला, अगास, वि० सं० २०१७. पिंगलसूत्र-पिंगलाचार्य, कलकत्ता, १९२८. पिच्छि-कमण्डलु-मुनि विद्यानन्द, सेठ छदामीलाल विमलकुमार फिरोजाबाद,
१९६७. पिण्डनियुक्ति-भद्रबाहु, मलयाचार्य वृत्ति, दे० ला० जैन पु० संस्था, बम्बई,
१९१८. पाइम सद्दमहण्णवो-पं० हरगोविन्ददास त्रिकमचन्द सेठ, प्राकृत ग्रन्थ परिषद्,
वाराणसी, १९६३. पातञ्जल योगदर्शन-सं० श्रीनारायण मिश्र, भा० विद्या प्रकाशन, वाराणसी,
१९७२. पालि साहित्य का इतिहास-भरतसिंह उपाध्याय, हिन्दी साहित्य सम्मेलन,
प्रयाग, १९६३. पासणाह चरियं-देवभद्रसूरि, मणिविजयगणिवर ग्रन्थमाला (संख्या १०)
___अहमदाबाद, १९४५. पुरुषार्थ सिद्धयुपाय-आ० अमृतचन्द्र, परमश्रुत प्रभावक मंडल बम्बई, वी० नि०
सं० २४३१. पुरातन जैन वाक्य सूची-सं० पं० जुगलकिशोर मुख्तार, वीर सेवा मन्दिर
दिल्ली, सं० २००७. प्रज्ञापना सूत्र-आगमोदय समिति, बम्बई, १९१८-१९१९. प्रकाशित जैन साहित्य-जैन मित्र मंडल, धर्मपुरा, दिल्ली, १९५८. प्रमेयक्रमलमार्तण्ड-प्रभाचन्द्राचार्य, सं०-६० महेन्द्रकुमार न्यायाचार्य, निर्णय
___ सागर प्रेस, १९४१. ई०
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