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________________ सिद्धसेन दिवाकर : व्यक्तित्व एवं कृतित्व २३. द्वात्रिंशद्वात्रिंशिका-३/१६ । २४. पं०नाथूराम प्रेमी 'देवनन्दी का जैनेन्द्र व्याकरण', लेख जैन साहित्य और इतिहास, पृष्ठ २३। २५. पण्डित जुगलकिशोर मुख्तार, पुरातन-जैनवाक्य-सूची, वीरसेवा मन्दिर, __ सरसावा, सहारनपुर सन् १९५, पृष्ठ १४७-४८-४९। २६. मुख्तार, पुरातन-जैनवाक्य-सूची, पृष्ठ १४९। २७. नाणम्मि दंसणम्मि य इत्तो एगयरयम्मि उवउत्ता। सव्वस्स केवलिस्सा जुगवं दो नत्थि उववोगा ।। - देवेन्द्रस्तव, अनुवा० डॉ०सुभाष कोठारी, आगम अहिंसा समता एवं प्राकृत संस्थान, उदयपुर, १९८८, गाथा-२९७। २८. आवश्यकनियुक्ति, श्रीहर्ष पुष्पामृत जैन ग्रन्थमाला, लाखाबावक, शांतिपुरी, __ सौराष्ट्र, १९८९, भाग-१, गाथा ९७९। २९. तित्थोगालिय में सिद्धों का प्रसंग तो मिलता है पर उक्त गाथा नहीं मिलती। ३०. ध्यातव्य है कि पण्डित जुगलकिशोर जी आवश्यकनियुक्ति को द्वितीय भद्रबाहु की एवं तीसरी और नवी द्वात्रिशिंका को पूज्यपाद के पहले की रचना मानते हैं। देखें—पुरातन-जैनवाक्य-सूची - पृष्ठ १४५, एवं १५० । ३१. जुगवं वट्टइ णाणं कवेलणाणिस्सं दंसणं च तहा। दिणयरपयासतापं जह वट्टइ तह मुणेयव्वं ।। कुन्दकुन्द, नियमसार, दि सेन्ट्रल जैन पब्लिशिंग हाउस, अजिताश्रम, लखनऊ, १९३१, गाथा - १५९। ३२. पुरातन-जैनवाक्य-सूची, पृष्ठ १४९ । ३३. मुनि जम्बूविजय, 'जैनाचार्य श्री मल्लवादी और भर्तृहरि का समय' नामक लेख 'बुद्धिप्रकाश' नवम्बर, १९५१, पृष्ठ ३३२। ३४. इत्सिंग ने लिखा है कि 'शून्यतावादी तथा सात-सात बार बौद्ध भिक्षु बनकर पुनः गृहस्थ बनने वाले महान बौद्ध पण्डित भर्तृहरि की मृत्यु को आज ४० वर्ष हुए हैं। - देखें, सन्मति प्रकरण, पृष्ठ ९। ३५. टिप्पणी :-वर्तमान में जो वीर निर्वाण वि०सं० के ४७० वर्ष पूर्व मानने की परम्परा है वह समुचित प्रतीत नहीं होती है क्योंकि उसके आधार पर चन्द्रगुप्त, सम्प्रति आदि की समकालिकता सिद्ध नहीं हो पाती, इसलिए उसे विक्रम के ४१० वर्ष पूर्व मानना उचित है। ऐसा मान लेने पर पं०सुखलाल जी ने जो १०० वर्ष का सुधार किया है वह भी अपनी जगह ठीक बैठ जाता है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002085
Book TitleSiddhsen Diwakar Vyaktitva evam Krutitva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreeprakash Pandey
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1997
Total Pages114
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Biography, & Literature
File Size5 MB
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