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पंचसूत्र (गुजराती) : चिरंतनाचार्य, दिव्यदर्शन कार्यालय, अहमदाबाद, तृतीय,
वि. सं. २०२७
पंचसंग्रह: पं. हिरालाल जैन, भारतीय ज्ञानपीठ, काशी, प्रथम, १९६० पंचाध्यायी पूर्वार्ध : सोमचंद्र अमथालाल शाह, कलोल, प्रथम पंचाध्यायी (उत्तरार्द्ध) : सोमनाथ अमथालाल शाह, कलोल, प्रथम प्रतिक्रमण - ग्रंथत्रयी : गौतमस्वामी (टीका प्रभाचंद्र), स्वस्ति श्री जिनसेन भट्टारकपदाचार्य महास्वामी, कोल्हापुर, प्रथम, वि. सं. २४७३
प्रमाण-नय-तत्त्वालोक ः वादिदेवसूरि तिलोक रत्न स्था. जैन धार्मिक परीक्षा बोर्ड, पाथर्डी (अहमदनगर), द्वितीय, १९७२
प्रवचनसार : श्री कुंदकुंदाचार्य, श्रीमद् राजचंद्र आश्रम, अगास, तृतीय, १९६४ प्रशमरतिप्रकरण : श्री उमास्वामी, श्री परमश्रुतप्रभावक मंडल, बम्बई १९५० प्रवचनसारोद्धार : (भाग - १२) : श्रीमन्नेमिचन्द्रसूरि, साराभाई नवाब ( हरकोर पालीताणा
चत्रभुज ),
प्रश्नोपनिषद् : शंकराचार्य (शांकर भाष्य ), गीता प्रेस, गोरखपुर, नवम, सं.
२०१९
प्रश्नव्याकरणसूत्र : रतनलाल दोशी, अखिल भारतीय साधुमार्गी जैन संस्कृति रक्षक संघ, सैलाना (म. प्र. ), प्रथम, १९७५
प्राकृत साहित्य का इतिहास : डॉ. जगदीशचंद्र जैन, चौखम्बा विद्या भवन, वाराणसी, प्रथम, १९६१
प्रेमयोग : विवेकानंद, श्रीरामकृष्ण आश्रम, नागपूर, द्वितीय, १९७२ बहिरंग - योग : योगेश्वरानंद सरस्वतीजी महाराज (व्यासदेवजी महाराज), योग निकेतन ट्रस्ट, शिवानंद नगर (उ. प्र. )
बौद्ध धर्म के विकास का इतिहास : डॉ. गोविंदचंद्र पांडेय, हिंदी समिति सूचना विभाग, लखनऊ (उ. प्र.), द्वितीय, १९७६
भगवद्गीता : संकलनकर्ता और अनुवादक केशवदेव झा, दिव्यजीवन साहित्य प्रकाशन, पांडिचेरी, प्रथम, १९६५
भगवती आराधना - (भाग १, २) : आचार्य शिवार्य, सेठ लालचंद हिराचंद जैन संस्कृति संरक्षक संघ, सोलापूर (महा.), १९७८
भगवती सूत्र - अवचूरिः : चौकसी मोतीचंद्र मगनभाई, सूरत, प्रथम, १९७४
भगवतीसूत्रम - (भाग - १ ) : अभयदेव सूरि (पं. बेचरदास - टीका), निर्णयसागर मुद्रणालय, मुंबई (महा.), वि. सं. १९७४
जैन साधना का स्वरूप और उसमें ध्यान का महत्त्व
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