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________________ मज्झिम-निकाय (हिंदी) : राहुल-सांस्कृत्यायन, महाबोधि सभा, सारनाथ (बनारस) प्रथम, १९३३ मनुस्मृति : श्री गुरुदेव प्रकाशन, पुणे (महा.) मन्महाभारतम् (भाग १, ३, ४) महर्षि श्रीकृष्ण द्वैपायन, गीता प्रेस, गोरखपुर, प्रथम, वि. सं. २०१३ मनुस्मृति (मराठी): ध. ह. सुरधकर, श्री गुरुदेव प्रकाशन, पुणे-२ (महा.) मन्महाभारतम् : महर्षि श्रीकृष्ण द्वैपायन, गीता प्रेस, गोरखपुर, विक्रमाब्द२०१४, २०१५ मत्स्यपुराणम् : श्रीमन्महर्षि कृष्णद्वैपायन व्यास, कलकत्ता, प्रथम, १९५४ महावीर चरित्रम् (प्राकृत): श्रेष्ठि देविचंद लालभाई जैन-पुस्तकोद्धार संस्था महापुराणम् : श्री जिनसेनाचार्य, अयोध्याप्रसाद गोयलीय, भारतीय ज्ञानपीठ काशी, दुर्गाकुंड रोड, बनारस, १९५१ महापुराण (भा. १, २) महाकवि पुष्पदंत विरचित, भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन, प्रथम, १९७९ मिलिन्दपण्हो : आर. डी. वेडेकर, युनिव्हर्सिटी ऑफ बॉम्बे, बम्बई, प्रथम, १९४० मीमांसा दर्शन : श्रीराम शर्मा, संस्कृति संस्थान, ख्वाजा कुतुब, वेदनगर, द्वितीय, १९७६ मुण्डकोपनिषद् : शंकराचार्य, गीता प्रेस, गोरखपुर, अष्टम, सं. २०१९ ववहार सुतं : मुनि 'कमल', आगम अनुयोग प्रकाशन, राजस्थान, प्रथम, १९८० विनय-पिटक (हिंदी) : राहुल सांस्कृत्यायन, महाबोधि सभा, सारनाथ, प्रथम, श्रीविपाक सूत्रम् : (अनुवादक) श्री आत्मारामजी म. जैन शास्त्रमाला कार्यालय, जैन स्थानक, लुधियाना, वि. सं. २०१० व्यवहार सूत्रम् (भाष्य मलयगिरी भाग १, २, ३) भद्र बाहु स्वामी, जैन श्वेतांबर संघ सहाय्येन, वकील केशवलाल प्रेमचंद, बी. ए., एल एल. बी., हाजा पटेलनी पोळअहमदाबाद, १९२६ विपाकसूत्रम् : श्री ज्ञानमुनिजी म. सा., जैन शास्त्रमाला कार्यालय, लुधियाना (पंजाब) प्रथम, विक्र. २०१० विशेषावश्यकभाष्य (गुजराती) (भाग-१) : आ. हेमचंद्राचार्य, आगमोदय समिति, मुंबई, प्रथम, १९२४ जैन साधना का स्वरूप और उसमें ध्यान का महत्त्व ५७० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002078
Book TitleJain Sadhna Paddhati me Dhyana yoga
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPriyadarshanshreeji
PublisherRatna Jain Pustakalaya
Publication Year1991
Total Pages650
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Dhyan, & Philosophy
File Size10 MB
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