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अध्याय - ७
अन्य देव मूर्तियाँ
बाहुबली
जैन ग्रन्थों में ऋषभनाथ के १०० पुत्रों के उल्लेख हैं जिनमें भरत चक्रवर्ती सबसे बड़े और बाहुबली दूसरे क्रम पर हैं । बाहुबली को दक्षिण भारत में गोम्मटेश्वर भी कहा गया है । भरत की राजधानी विनीता और बाहुबली की राजधानी तक्षशिला या पोदनपुर थी । भरत चक्रवर्ती ने बाहुबली से सत्ता स्वीकार करने को कहा जिसे बाहुबली ने अस्वीकार कर दिया । फलतः दोनों भाइयों के मध्य भयंकर युद्ध हुआ । यह युद्ध दोनों की सेनाओं का युद्ध नहीं था । बाहुबली के प्रस्ताव पर भीषण नरसंहार बचाने की दृष्टि से दोनों ने द्वन्द्व-युद्ध का निश्चय किया । इस द्वन्द्व-युद्ध में अंततः बाहुबली विजयी हुए। विजय के तत्काल पश्चात् ही बाहुबली के मन में संसार के प्रति विरक्ति का भाव उत्पन्न हुआ और उन्होंने तत्क्षण संसार त्याग कर कठिन तपस्या प्रारम्भ कर दी। सफलता के उच्चतम क्षणों में इस प्रकार की विरक्ति की अनुभूति बाहुबली के चरित्र की अद्भुत विशेषता है । अन्ततः बाहुबली ने एक वर्ष तक कायोत्सर्ग मुद्रा में खड़े रहकर कठिन तपस्या द्वारा कैवल्य प्राप्त किया। जैन साहित्य और शिल्प दोंनों में भरत - बाहुबली के द्वन्द्व तथा बाहुबली की कठिन तपस्या का निरूपण मिलता है । "
भरत और बाहुबली के द्वन्द्व से संबंधित चित्रण कुंभारिया के शांतिनाथ मंदिर ( ११वीं शती ई० ) और विमलवसही ( १२वीं शती ई० ) में हैं । ९वीं से १२वीं शती ई० के मध्य बाहुबली की पर्याप्त स्वतंत्र मूर्तियाँ बनीं । ये मूर्तियाँ प्रभासपाटण (गुजरात, सम्प्रति जूनागढ़ संग्रहालय, ल० ९वीं शती ई०), देवगढ़ ( मंदिर २, ११ एवं साहू जैन संग्रहालय, १. वीं से १२वीं शती ई०), खजुराहो ( पार्श्वनाथ मंदिर ), बिल्हरी (मध्य प्रदेश), एलोरा (महाराष्ट्र), श्रवणबेलगोल, वेलूर, कारकल (कर्नाटक) एवं मथुरा ( राज्य संग्रहालय, लखनऊ, क्रमांक ९४०) में हैं २ कठिन तपस्या के समय बाहुबली के हाथों और पैरों में लता- वल्लरियाँ १. पउमचरिय ४ ५४-५५; हरिवंशपुराण ११. ९८-१०२; आदिपुराण ३६. १०६-८५; त्रिशष्टिशलाकापुरुषचरित्र ५. ७४० - ९८; शाह, यू०पी०, "बाहुबली : ए यूनीक ब्रोन्ज इन दि म्यूजियम ", बुलेटिन आव दि प्रिंस आव वेल्स म्यूज़ियम, बम्बई, अंक - ४, १९५३ - ५४, पृ० ३२ - ३९; तिवारी, मारुति नन्दन प्रसाद, एलिमेण्टस आव जंन आइकनोग्राफी, वाराणसी, १९८३, पृ० ९७ - १०३ ।
२. एलोरा की जैन गुफाओं में बाहुबली की कई मूर्तियाँ हैं । दक्षिण भारत में कर्नाटक का क्षेत्र बाहुबली गोम्मटेश्वर की मूर्तियों की श्रवणबेलगोल ( हसन ) की ५७ धार्मिक प्रतिमा है ।
दृष्टि से अत्यन्त समृद्ध है। कर्नाटक स्थित फीट ऊँची गोम्मटेश्वर मूर्ति भारत की विशालतम्
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