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चित्र ५५ : तीर्थङ्कर-माता के सोलह मांगलिक स्वप्न, सा० शा० ० क० सं०, ल० ११वीं शती ई०
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चित्र ५६ : आचार्य को वन्दना हेतु यात्रा, सा० शा० जै० क० सं०, ल० ११वीं शती ई०
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