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________________ Jain Education International संख्या यक्ष १८. (i) यक्षेन्द्र-श्वे० वाहन भुजा-सं० आयुध अन्य लक्षण शंख (या वृषभ बारह मातुलिंग, बाण (या कपाल), खड्ग, मुद्गर, पाश षण्मुख, त्रिनेत्र या शेष) (या शूल), अभयमुद्रा, नकुल, धनुष, खेटक, शूल, अंकुश, अक्षसूत्र शंख या खर बारह या छह बाण, पद्म, फल, माला, अक्षमाला, लीलामुद्रा, षण्मुख, त्रिनेत्र धनुष, वज्र, पाश, मुद्गर, अंकुश, वरदमुद्रा । वज्र, चक्र, धनुष, बाण, फल, वरदमुद्रा (अपराजितपृच्छा) (ii) खेन्द्र या यक्षेश-दि० १९. कुबेर या यक्षेश (क) श्वे. गज आठ (ख) दि० For Private & Personal Use Only गज (या सिंह) आठ या चार वृषभ आठ २०. वरुण- (क) श्वे० (ख) दि० वृषभ चार या छह वरदमुद्रा, परशु, शूल, अभयमुद्रा, बीजपूरक, शक्ति, चतुर्मुख, गरुडवदन मुद्गर, अक्षसूत्र (निर्वाणकलिका) फलक, धनुष, दण्ड, पद्म, खड्ग, बाण,पाश, वरदमुद्रा। चतुर्मुख पाश, अंकुश, फल, वरदमुद्रा (अपराजितपृच्छा) मातुलिंग, गदा, बाण, शक्ति, नकुलक, पद्म, जटामुकुट, त्रिनेत्र, चतुर्मुख, (या अक्षमाला), धनुष, परशु । द्वादशाक्ष (आचारदिनकर) खेटक, खड्ग, फल, वरदमुद्रा। जटामुकुट, त्रिनेत्र, पाश, अंकुश, कार्मुक, शर, उरग, वज्र अष्टानन (अपराजितपृच्छा) मातुलिंग, शक्ति, मुद्गर, अभयमुद्रा, नकुल, परशु, चतुर्मुख, त्रिनेत्र (द्वादशाक्ष वज्र, अक्षसूत्र ___ आचारदिनकर) खेटक, खड्ग, धनुष, बाण, अंकुश, पन, चक्र, चतुर्मुख ... वरदमुद्रा २१. भृकुटि (क) श्वे० वृषभ आठ खजुराहो का जैन पुरातत्व (ख) दि० वृषभ www.jainelibrary.org
SR No.002076
Book TitleKhajuraho ka Jain Puratattva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaruti Nandan Prasad Tiwari
PublisherSahu Shanti Prasad Jain Kala Sangrahalay Khajuraho
Publication Year1987
Total Pages204
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Art, & Statue
File Size10 MB
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