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[ जैन धर्म का मौलिक इतिहास-भाग ३ निशीथ निशीथचूर्णि निशीथ-भाष्य पउम चरियं-विमलसूरि पट्टावली पराग संग्रह, पं. कल्याण विजयजी शास्त्र संग्रह समिति
जालोर (राज.) पट्टावली समुच्चय प्रथमोभागः मुनिदर्शन विजय, श्री चारित्र
स्मारक ग्रन्थमाला वीरम गांव (गुजरात वि. स. १६८६) पाइय लच्छीनाम माला धनपाल पाइय सद्द-महण्णवो पार्श्वनाथ चरित्र पार्वाभ्युदय काव्य-जिनसैन (पंचस्तूपान्वयी) पेंगियरहस्य पेरियपुराण प्रबन्धकोष-सिंघी जैन ज्ञानपीठ, विश्वम्भरजी शान्ति निकेतन प्रबन्ध चिन्तामणि प्रबन्ध चिन्तामणि-मेरुतुगाचार्य, फोर्बस गुजराती सभा, महाराज
मेंशन्स, सेन्धुर्स्ट रोड बोम्बे, नं. ४ (वि. स. १६८८) प्रभावक चरित्र,-प्रा. प्रभाचन्द्रसूरि, सं. जिन विजय सिंघी जैन
ज्ञान पीठ, अहमदाबाद, कलकत्ता वि. सं. १९९७ प्रश्न व्याकरण सूत्र प्राकृत साहित्य का इतिहास, डॉ. जगदीशचन्द्र जैन, चौखम्बा
विद्याभवन, वाराणसी १ फ्लीकोरपस इन्स्फिप्शनम् जुडिकेरम् बुद्धिज्म –सर विलियम मोन्योर भगवती सूत्र (व्याख्या प्रज्ञप्ति सूत्र) भट्टारक संप्रदाय, वी. पी. जोहरापुरकर, जैन संस्कृति संरक्षक संघ, ___ शोलापुर (१९५८) भाण्डारकर की सची संख्या २१०५ भद्रबाहु चरित्र-आ. रत्ननंदी (वि. सं. १६२५) भाव संग्रह-प्रा. देवसेन (विमलसेन के शिष्य)
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