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प्रवरस
गास
वारस
SARAN
"जन इति
जयपर
NAGAR
सिमत्रित
कुछ नये तथ्य : कुछ विशेषताएं: • वीर निर्वाण सम्वत् १००१ से १५०० तक की प्रमुख धार्मिक, सामाजिक व राजनैतिक घटनाओं
का तथ्यपरक विवरण। • जैन धर्म की धर्माचार्य परम्पराओं
का क्रमबन्द प्रामाणिक इतिहास । • शुन्द श्रमणाचार के क्रमिक हास
एवं विकृतिजन्य परम्पराओं विषयक शोधपूर्ण विशद् मीमांसा। समसामयिक धर्माचार्यों एवं राजवंशों के इतिवृत्त का शृङ्खलाबन्द
वस्तुपरक प्रस्तुतिकरण। • जैन इतिहास की जटिल गुत्थियों
का प्रमाणपुरस्सर हल, बन्दमूल धान्तियों का निराकरण एवं समग्र भारतीय इतिहास विषयक कतिपय अन्धकारपूर्ण प्रकरणों पर नूतन प्रकाश। जैन परम्परा में महिलावर्ग द्वारा संघ प्रमुखा, आचार्या, श्रमणी एवं श्रमणोपासिका के रूप में दिये गये अनुपम योगदान का भव्य नूतन खोज पूर्ण विवरण। • इतिहास जैसे गूढ एवं नीरस विषय का सरस, सुबोध एवं प्रवाहपूर्ण भाषा शैली में आलेखन।
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