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________________ जैन ग्रन्थकार महाराजाधिराज अमोघवर्ष-नृपतुंग शीलांकाचार्य अपर नाम शीलाचार्य तथा विमलमति शीलांकाचार्य (अपर नाम तत्वाचार्य) सांडेर गच्छ हथंडी गच्छ की स्थापना यशोभद्रसूरि (चैत्यवासी परम्परा) खिम ऋषि (क्षमा ऋषि) कृष्ण ऋषि कवि महासेन (सुलोचना कथा के रचनाकार) कवि परमेष्ठी (वागर्थसंग्रह के रचनाकार) भ. महावीर के ४३वें और ४४वें पट्टधरों के समय की राजनैतिक स्थिति महाराणा अल्लट चित्तौड़ का शिशोदिया वंशीय राजा थंडी का राठौड़ राजवंश और जैन धर्म श्रमण भ. महावीर के ४५वें पट्टधर आ. श्री पद्मनाभ स्वामी श्रमण भ. महावीर के ४६ वें पट्टधर आ. श्री हरिशर्म स्वामी श्रमण भ. महावीर के ४७वें पट्टधर आ. श्री कलशप्रभ स्वामी भ. महावीर के ४५, ४६ और ४७वें पट्टधरों के समय के ३६ वें युग प्र. आ. ज्येष्ठांग गणि राज गच्छ दिगम्बर परम्परा में माथुर संघ की उत्पत्ति Jain Education International (ix) For Private & Personal Use Only *** ६७४ ६७५ ६७८ ६८५ ६८७ ६८९ ६९१ ६९५ ६९६ ६९७ ६९८ ७०० ७०२ ७०४ ७०५ ७०६ ७०७ ७११ ७१५ www.jainelibrary.org
SR No.002073
Book TitleJain Dharma ka Maulik Itihas Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHastimal Maharaj
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year2000
Total Pages934
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Story, & Parampara
File Size16 MB
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