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________________ चक्रवर्तियों के नाम व उनका काल १. भरत २. सगर ३. मघवा (प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव के समय में) (द्वि० तीर्थंकर अजितनाथ के समय में) (पन्द्रहवें तीर्थकर धर्मनाथजी और १६वें तीर्थकर शान्तिनाथजी के अन्तराल काल में) ४. सनत्कुमार १. शान्तिनाथ ६. कुन्युनाथ .. परनाथ ८. सुभूम (सोलहवें तीर्थकर) (सत्रहवें तीर्थकर) (अठारहवें तीर्थकर) (अठारहवें तीर्थकर व ७वें चक्रवर्ती प्ररनाथ व १६वें ती० मल्लिनाथ के अन्तरालकाल में) (२०वें तीर्थकर मुनिसुव्रत के समय में) (इक्कीसवें तीर्थंकर नमिनाथ के समय में) (नमिनाथ पौर परिष्टनेमि के अन्तरालकाल में) (परिष्टनेमि और पार्श्वनाथ के अन्तरालकाल में) ९. पप १०. हरिषेण ११. जयसेन १२. ब्रह्मदत्त अवसर्विणीकाल के बलदेव, वासुदेव और प्रतिवासुदेव बलदेव वासुदेव प्रतिवासुदेव तीर्थकरकाल १) विजय (१) त्रिपृष्ठ (१) अश्वग्रीव भ. श्रेयांसनाथ के तीर्य-काल में १) प्रचल ' (२) विपृष्ठ (२) तारक भ. वासुपूज्य " ॥. " । 1) सुधर्म (३) स्वयम्भू (३) मेरक भ. विमलनाथ , , , १) सुप्रभ (४) तुरुषोत्तम (४) मधुकैटभ भ. अनन्तनाथ " , " १) सुदर्शन (५) पुरुषसिंह (५) निशुम्भ म. धर्मनाय , , , 1) नन्दी (६) पुरुष पुण्डरीक (६) बलि भ. परनाथ और मल्लिनाय के अन्तराल काल में }) नन्दिमित्र (७) दत्त (७) प्रह्लाद* 1) राम (८) नारायण (८) रावण भ. मुनिसुव्रत भौर भ. नमिनाप के अन्तराल काल में १) पप (९) कृष्ण (९) जरासंघ भ. नेमिनाथ के शासनकाल में तिलोय पण्णती में प्रह्लाद के स्थान पर प्रहरण नाम उल्लिखित है। - - Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002071
Book TitleJain Dharma ka Maulik Itihas Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHastimal Maharaj
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year1999
Total Pages954
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Story, Tirthankar, N000, & N999
File Size16 MB
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