________________
तीर्थकरों का अन्तरालकाल वेताम्बर और दिगम्बर
दोनों परम्पराओं द्वारा सम्मत
१. ऋषभदेव
२. मजितनाथ ३. संभवनाथ ४. अभिनन्दन ५. सुमतिनाथ ६. पद्मप्रभ ७. सुपार्श्वनाथ ८. चन्द्रप्रभ ६. सुविधिनाथ १०. शीतलनाथ ११. श्रेयांसनाथ
तीसरे पारे के निवासी पक्ष अर्थात् ३ वर्ष साढ़े पाठ मास शेष रहे तब मुक्ति पधारे पचास लाख करोड़ सागर तीस लाख करोड़ सागर दश लाख करोड़ मागर नव लाख करोड़ सागर नम्बे हजार करोड़ सागर नव हजार करोड़ सागर नव सौ करोड़ सागर नब्बे करोड़ सागर नव करोड़ सागर छियासठ लाख छन्बीस हजार एक मो मागर कम एक करोड़ सागर चौवन सागर तीस सागर नव सागर चार सागर पौन पल्योपम कम तीन मागर . अर्द पल्य एक हजार करोड़ वर्ष कम पाव पल्य एक हजार करोड़ वर्ष चौवन लाख वर्ष छः लाख वर्ष पांच लाख वर्ष तिरासी हजार सात सौ पचास वर्ष दो सौ पचास वर्ष बाद महावीर सिद्ध हुए
१२. वासुपूज्य १३. विमलनाथ १४. अनन्तनाथ १५ धर्मनाथ १६. शान्तिनाथ १७. कुंथुनाथ १८. अरनाथ १९. मल्लिनाथ २०. मुनिसुव्रत २१. नमिनाथ २२. अरिष्टनेमि २३. पाश्वनाथ २४. महावीर
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org