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________________ ६९० जैन धर्म का मौलिक इतिहास उत्सपिणाकाल "मेरे निर्वाण के ४५३ वर्ष पश्चात् गर्दभिल्ल के राज्य का अन्त करने वाला कालकाचार्य होगा।' "विशेष क्या कहा जाय, बहुत से साधु भाँडों के समान होंगे, पूर्वाचार्यों से परम्परागत चली आ रही समाचारी का परित्याग फर अपनी कपोलकल्पना के अनसार समाचारी और चारित्र के नियम बना-बना कर उस समय के अल्पज्ञ मनष्यों को विमुग्ध कर आगम के विपरीत प्ररूपणा करते हुए प्रात्मप्रशंसा और परनिन्दा में निरत रहेंगे। विपुल प्रात्मबल वालों की कोई पूछ नहीं रहेगी और आत्मबलविहीन लोग पूजनीय बनेंगे।" "इस प्रकार अनन्त उत्सर्पिणी और अवसर्पिणी रूप इस संसारचक्र में धर्माराधन करने वाले ही वस्तुतः कालचक्र को पार कर सिद्धि प्राप्त कर पायेंगे।" ___ भगवान् के द्वारा इस तरह संसार-भ्रमण और दुखों की भयंकरता का विवरण सुन हस्तिपाल आदि आदि अनेक भव्य प्रात्माओं ने निर्ग्रन्थ धर्म की शरण ली। इस वर्ष निर्ग्रन्थ प्रवचन का प्रचुर प्रचार एवं विस्तार हुमा' और अनेक भव्यात्माओं ने निर्ग्रन्थ-धर्म की श्रमण-दीक्षाएँ स्वीकार की। इस प्रकार वर्षाकाल के तीन महीने बीत गये । चौथे महीने में कार्तिक कृष्णा अमावस्या के प्रातःकाल ‘रज्जुग सभा' में भगवान् के मुखारविन्द से अन्तिम उपदेशामृत की अनवरत वृष्टि हो रही थी। सभा में काशी, कोशल के नौ लिच्छवी, नौ मल्ल एवं अठारह गणराजा भी उपस्थित थे। शक्र द्वारा प्रायुवद्धि की प्रार्थना प्रभु के मोक्ष समय को निकट जानकर शक्र वन्दन करने को आया और अंजलि जोड़कर बोला-"भगवन् ! आपके जन्मकाल में जो उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र था, उस पर इस समय भस्मग्रह संक्रान्त होने वाला है, जो कि जन्म-नक्षत्र १ तह गद्दभिल्लरज्जस्सुठायगो कालगायरियो होही । तेवण्ण चउसएहिं, गुणसवकलिभो सुअपउत्तो।। २ विविध ती० क०, २० कल्प, अभिधान राजेन्द्र, चौथा भाग, पृ० २६०१ । ३ महावीर चरित्र, हेमचन्द्र सूरिकृत । ४ रज्जुगा-लेहगा, तेसि सभा रज्जुयसभा, अपरिमुज्जमाण करणसाला । -कल्पसूत्र, सू० १२२ । (टीका) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002071
Book TitleJain Dharma ka Maulik Itihas Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHastimal Maharaj
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year1999
Total Pages954
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Story, Tirthankar, N000, & N999
File Size16 MB
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