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________________ भगवान् श्री श्ररिष्टनेमि : पूर्वभव जन्म शारीरिक स्थिति और नामकरण हरिवंश की उत्पत्ति हरिवंश की परम्परा उपरिचर वसु महाभारत में उपरिचर वसु का उपाख्यान वसु का हिंसा-रहित यज्ञ .... "अजैर्यष्टव्यम्” को लेकर विवाद : वसु द्वारा हिंसापूर्ण यज्ञ का समर्थन व रसातल - प्रवेश भगवान् नेमिनाथ का पैतृक कुल वसुदेव का पूर्वभव और बाल्यकाल वसुदेव की सेवा में कंस वसुदेव का युद्ध - कौशल कंस का जीवयशा से विवाह वसुदेव का सम्मोहक व्यक्तित्व वसुदेव-देवकी-विवाह और कंस को वचन दान कंस के वध से जरासंध का प्रकोप 6804 ओर मोड़ने का यत्न freeमरणोत्सव एवं दीक्षा पाररा रथनेमि का राजीमती के प्रति मोह .... Jain Education International 6030 0001 .... .... 0000 *** कालकुमार द्वारा यादवों का पीछा और अग्नि प्रवेश द्वारिका नगरी का निर्माण द्वारिका की स्थिति बालक अरिष्टनेमि की अलौकिक बाल लीलाएँ जरासन्ध के दूत का यादव-सभा में आगमन उस समय की राजनीति दोनों ओर युद्ध की तैयारियाँ अमात्य हंस की जरासन्ध को सलाह दोनों सेनाओं की व्यूह रचना अरिष्टनेमि का शौर्य-प्रदर्शन और कृष्ण द्वारा जरासन्ध-वधू अरिष्टनेमि का लौकिक बल रुक्मिणी आदि का मिकुमार के साथ वसन्तोत्सव. रानियों द्वारा नेमिनाथ को भोगमार्ग की 600. .... .... 0000 For Private & Personal Use Only 0.00 0000 www. .... ५००० ३१३ ३१४ ३१५ ३१५ ३१७ ३१८ ३२४ ३२५ ३२७ ३२५ ३३० ३३० ३३१ ३३२ ३३२ ३३३ ३४० ३४३ ३४३ ३४५ ३४५ ३४६ ३४७ ३४८ ३५० ३५२ ३५३ ३५८ ३६२ ३६६ ३६७ ३७६ ३७८ ३७८ www.jainelibrary.org
SR No.002071
Book TitleJain Dharma ka Maulik Itihas Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHastimal Maharaj
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year1999
Total Pages954
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Story, Tirthankar, N000, & N999
File Size16 MB
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