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जैन धर्म का यापनीय सम्प्रदाय
१७. ऋषिभाषित, संपादक - म० विनयसागर, प्राकृत भारती अकादमी, जयपुर, ई०
स० १९८८. १८. ऐतिहासिक स्थानावाली, विजयेन्द्र कुमार, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार, नई
दिल्ली, ई० स० १९६९. १९. ओघनियुक्ति ( भाष्य ), टीका - द्रोणाचार्य, बम्बई, ई० स० १९१९. २०. कल्पसूत्र, प्राकृतभारती अकादमी, जयपुर, द्वितीय संस्करण, ई० स० १९८४. २१. कसायपाहुड, संपादक – हीरालाल जैन, वीर शासन संघ, कलकत्ता, ई० स०
१९५५. २२. कुवलयमाला, उद्योतनसूरि, संपादक - ए० एन० उपाध्ये, भारतीय विद्या भवन,
बम्बई भाग १, २; ई० स० १९५९, १९७०. २३. गोम्मटसार, पं० खूबचन्द जैन, परमश्रुत प्रभावक मण्डल, अगास, वि० सं०
२०२२. २४. चउपनमहापुरिसचरियं - शीलांकाचार्य, प्राकृत टेक्स्ट सोसायटी, वाराणसी, ई०
स० १९६१. २५. चरित्तपाहुड ( अष्टप्राभृत), परमश्रुत प्रभावक मण्डल, अमास, ई० स० १९६९. २६. छेदपिण्डशास्त्र, रचनाकार इन्द्रनन्दि, माणिकचन्द्र दिगम्बर जैन ग्रन्थमाला, बम्बई. २७. जंबूद्वीपप्रज्ञप्ति, संपादक - मधुकर मुनि, जैन आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर,
वि० सं० १९९८. २८. जयधवला, संपादक - पं० महेन्द्र कुमार, भारतीय दिगम्बर जैन संघ, मथुरा,
ई० स० १९४४. २९. जीतकल्पसूत्र, संशोधक – मुनिपुण्यविजय, अहमदाबाद, ई० स० १९८२. ३०. जीवसमास, अनुवादक - अमितयशविजय महाराज, श्री जिनशासन आराधना
ट्रस्ट , मुंबई, वि० सं० २०४२. ३१. जैनतत्त्वज्ञानमीमांसा, डॉ० दरबारीलाल कोठिया, वीर सेवा मंदिर ट्रस्ट, वाराणसी,
ई० स० १९८३. . ३२. जैन दर्शन और प्रमाणशास्त्र परिशीलन, डॉ० दरबारीलाल कोठिया, वीर सेवा
मंदिर ट्रस्ट, वाराणसी, ई० स० १९८०. ३३. जैन विद्या के विविध आयाम, भाग-३, पं० दलसुखभाई मालवणिया अभिनंदन
ग्रंथ, संपादक - प्रो० एम० ए० ढाकी एवं डॉ० सागरमल जैन, पार्श्वनाथ विद्याश्रम, वाराणसी, ई० स० १९९१.
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