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________________ यापनीय साहित्य : १४७ इन्द्रनन्दि हैं किन्तु ये इन्द्रनन्दि वही हैं, जिनका उल्लेख अय्यपायं ने पूजाक्रम के रचयिता के रूप में किया है। क्योंकि इन्होंने भी उन्हीं आचार्यों का उसी क्रम से उल्लेख किया है, जिस क्रम से अय्यपार्य ने किया है। यह सम्भव है कि श्रुतावतार के कर्ता इन्द्रनन्दि और इन्द्रनन्दि संहिता तथा पूजाक्रम के रचयिता एक ही हों। फिर भी इन्हें छेदपिण्डशास्त्र का रचयिता नहीं माना जा सकता। क्योंकि स्वयं इन्द्रनन्दि-संहिताकार इन इन्द्रनन्दि ने दायभाग प्रकरण की अन्तिम गथाओं में किसी अन्य प्राचीन इन्द्रनन्दि नामक आचार्य की इन्द्रनन्दि-संहिता का उल्लेख किया है और उसे प्रमाण मानने के लिए कहा है। (३) अतः ये तीसरे कोई प्राचीन इन्द्रनन्दि हैं जिनकी संहिता अर्थात् आचारसम्बन्धी कोई ग्रन्थ प्रमाण माना जाता था। इस सम्बन्ध में पं० नाथूरामजी प्रेमी का यह कथन द्रष्टव्य है___ “ऐसा प्रतीत होता है कि इस इन्द्रनन्दि संहिता से भी पहले कोई इन्द्रनन्दि संहिता थी, जिसे इस संहिता के कर्ता प्रमाण मानने को कहते हैं।" मेरी दष्टि में इस प्राचीन इन्द्रनन्दिसंहिता के कर्ता इन्द्रनन्दि ही छेदपिण्डशास्त्र के कर्ता हैं और वह इन्द्रनन्दि संहिता अन्य कुछ नहीं, स्वयं छेद-पिण्डशास्त्र.ही होगा। (४) इन्द्रनन्दि का उल्लेख गोम्मटसार कर्मकाण्ड की ३९६वीं गाथा में भो है, इनसे कनकनन्दि मुनि ने सिद्धान्तग्रन्थों (सम्भवतः कषायपाहड और षट्खण्डागम) का अध्ययन करके सत्त्वस्थान की रचना की थी। १. पुव्वं पुज्जविहाणे जिणसेणाइ वीरसेण गुरुजुत्तइ । पुज्जस्सयाय ( ? ) गुणभद्दसूरिहिं जह तहुद्दिट्ठा ॥ . वसुणंदि इंदणंदि य तह य मुणी एयसंधिगणिनाहं (हिं) रचिया पुज्जविही या पुम्बक्कमदो विणिहिट्ठा । इन्द्रनन्दिसंहिता ६४, ६६ २. गोयम समंतभद्द य अयलंक सु माहणंदि मुणिणाहि। वसुणंदि इंदणंदिहिं रचिया सा संहिता पमाणाहु ॥ वही ६५ उद्धृत प्रायश्चित्त संग्रह, भूमिका पृ० ४ ३. प्रायश्चित्त संग्रह, भूमिका, पृ० ५। ४. वरइंदणंदि गुरुणो पासे सोऊण सयलसिद्धन्त । सिरि कणयणदिगुरुणा सत्तठाणं समुद्दिढें ॥ -गोम्मटसार कर्मकाण्ड, ३९६ । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002068
Book TitleJain Dharma ka Yapniya Sampraday
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSagarmal Jain
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1996
Total Pages550
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Religion
File Size10 MB
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