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शुद्धि पत्र
पृ.
पंक्ति
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अशुद्ध गर कर्तवाच्य तुम आशीषः सुंदरं ओणम् घी मालुम
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कर्तृवाच्य तुम् आशीष सुंदराणि ओणम णी मालूम
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आरोह होती है कोई विभक्ति ईसरो विभक्ति
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आरोहण होत है कोइ विभक्त इसरो विभक्त धड ऊंखली सूप्प योग करो प्र णिय्यासो विज्झो न्यायधीश
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ओखली सुप्प प्रयोगकरो णिज्जासो विझो न्यायाधीश
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८५ ८६ ८६
१२ १७ २०
कक्कुवो धयपुरो उदोद्वारे पङ कतो बता
कक्कुबो (दे०) घयपुरो उदोवाई
पङ क्तो
बताओ
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