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प्राकृत वाक्यरचना बोध
लगाना (मालूम होना)-पडिहा, याचना करना—जाय (३०)
पडिहास (७६) याद करना-गुण (४६) लगाना (जोडना)-लाय (८५) याद दिलाना-सार (६४) झर, लघु करना-लहुअ (८५)
झूर, भर, भल, लढ, विम्हर, लज्जा करना-जीह, लज्ज (१०३) - सुमर,पयर, पम्हुह (१०२) लज्जित होना-हिरि (६१) युक्त करना-पउंज (६७) लटकना--आयल्ल (४२) पयल्ल युद्ध करना-जुज्झ (8)
(१०१) योग्य होना- अच्च (३५)
लडाई करना-जुज्झ (६) लपेटना- परिआल (३८) वेढ (४०)
संवेल्ल (६४) रंगना-रंग (८)
लांघना-लंघ (८४) रक्षण करना (अच्छी तरह)- लाना--आहर (६६) सारक्ख (६४)
लिप्सा करना-लिच्छ (८५) रक्षा करना-रक्ख (२९) लीन होना-अल्लीअ (१०१) रखना (स्थापन करना)-थक्कव (५४) लीपना-खरड (४८) लिप (८५) रगडना--घरस (१७) घस (५०) लुंचन करना-लुंच (८६) रमना-रम (३२)
लुढकना-लुढ (८६) रहना-णिवस (१३) पज्जोसव लूटना-लूड (८६)
(७१) आवास (६८) ले जाना—णी, णे (६) रांधना-रंध (८२)
लेट जाना (लेटना) निवज्ज (१६) रीझना-रिज्झ (२३)
____लोट्ट (८७) रुई धुनना-पिंज (३७) लेना-देखो ग्रहण करना रुकना-खल (४८) थम्भ (५४) लेप करना-लिप्प (२६) आलिंप रूसना-आरूस (४४)
(४४) लिप (८५) देखो, रेखा करना-विलिह (६१)
लीपना रोकना-संवर (६४) वाह (५२) लोप करना-तिरोह (५८) लुंप
पडिबंध (७६) रुंध (८३) वार (८६) लोव (८७)
(६०) उत्थङघ (१०४) लोभ करना-लुभ (८६) संभाव, रोना--तिप्प (३०) रुव (३३) लुब्भ (१०५) __ आरस (४३) आरड (४६) रुम लौटकर आ पडना-पच्चापड (७०) (८३)
वंदन करना-पणिवय (८०) लगना-लग्ग (८४)
वमन करना-वम (८८)
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