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________________ ५८० बदला चुकाना - पडिअर (७३) बधाई देना --- वद्भाव ( 55 ) बनाना - रय (८३) सिर (६२) ८ सुत्त (६३) उग्गह, अवह, विsविडु, रय, गढ, घड (१०३ ) उवहत्थ, सारव, समार, केलाय, समारय (१०३) बहना -- वह (३५) बाञ्छना - कंख (४५) बांधना - बंध (३६) (६२) बातचीत करना -- - आलव (४४) संलाव (६४) बाधा करना ---- - वाह (५३) बार बार चलना -- चंकम (५१) बार बार झाडना---पक्खोड (६८) बाल उखाडना -- लुंच (८६) बाहर निकलना - पडिणिक्खम (७४) पडिणिग्गच्छ (७५) णीहर, नील, धाड, वरहाड, नीसर, (१०२) बिखेरना - किर (४६) विकिर (५४) बिछाना - अच्छुर (१४) पत्थर (३८) बिछौना करना -- संथर (९६) बींधना - वध (२५) विज्झ (५२) आविध (६८) बीमार की सेवा करना -- पडिअर (७३) बुझाना - णिव्वाव ( 55 ) बुनना – वा (१०) सुत्त (१३) बुलाना - आयार (४३) आहव Jain Education International प्राकृत वाक्यरचना बोध (१६) कोक्क, पोक्क, वाहर (१०२) बुहारना - संमज्ज ( १७ ) बूम मारना—आरड, आरस (४३) देखो, चिल्लाना बेचना - विक्क (२७) विक्किण (१०१) बेचना ( अच्छे मूल्य में ) (१७) अग्घ बैठना — निवेस, निवज्ज ( ११ ) अच्छ ( ३६ ) वेस (६२) आस (६८) णुमज्ज (१०४) बोध पाना - पडिबुज्झ (७६) बोना - वब ( ८ ) बोलना - जंप (७) अल्लव ( १२ ) अक्खा (३०) ब्बू (६२) पंजप (७१) रव (५३) वय ( ८८ ) वाहर (१०) देखो, कहना भ भक्षण करना- - अणुगिल ( ३६ ) भक्ति करना- - आराह (४४) - पज्जुवास (७२) भर्त्सना करना - भंड (६३) भांगना – भज्ज (२६) पिअरंज (४०) भंज (६३) पडिभंज (७६) वेमय, मुसुमूर, मूर, सूर, सूड, विर, पविरञ्ज करञ्ज, नीरञ्ज (१०३) भांडना—भंड (६३) For Private & Personal Use Only भागना - पलाय (३८) णिरिणास, णिवह, अवसेह, पडिसा, सेह, अवरेह्, नस्स (१०६) भाषण करना—भास (३०) www.jainelibrary.org
SR No.002024
Book TitlePrakrit Vakyarachna Bodh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1991
Total Pages622
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Grammar, & Literature
File Size20 MB
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