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परिशिष्ट १
तृ० बहूअ, वहूआ, वहूइ, वहूए पं० वहूअ, वहूआ, वहूइ, वहूए वहुत्तो, वहूओ, वहुउ, वहूहिन्लो च०, ष० वहूअ, बहूआ, वहूइ, वहूए स० वहुअ. वहूआ वहूइ, वहूए
वहूहि, वहूहिं, वहूहिँ वहुत्तो, वहूओ, वहुउ वहूहिन्तो वसुन्तो वहूण, वहूणं
वसु, वसुं
हे वहु
हे बहूओ, हे बहूउ, हे वहू
इसी प्रकार सासू ( श्वश्रु) चमू ( चमू) आदि शब्द चलते हैं । रूपों की समानता
स्त्रीलिंग के आकारान्त, इकारान्त, ईकारान्त, उकारान्त और ऊकारांत शब्दों के सभी रूप समान हैं, केवल दीर्घ ईकारान्त शब्दों के प्रथमा और द्वितीया विभक्ति के बहुवचन में आ प्रत्यय का रूप विशेष होता है !
आकारान्त को छोड, इकारान्त, ईकारान्त, उकारान्त और ऊकारान्त शब्दों के तृतीया विभक्ति से लेकर सप्तमी विभक्ति तक एक वचन में आकारान्त से आ प्रत्यय अधिक लगता है । द्वितीया के एकवचन और पंचमी के तो प्रत्यय
परे रहने पर शब्द
शेष स्थानों पर शब्द का
का अन्तिम दीर्घस्वर ह्रस्व हो जाता है । अंतिम स्वर दीर्घ हो जाता है । ईकारान्त और ऊकारान्त के संबोधन के एकवचन में ह्रस्व होता है तथा इकारान्त और उकारान्त के सम्बोधन के एकवचन में विकल्प से ह्रस्व होता है ।
२७ ऋकारान्त स्त्रीलिंग माआ, माअरा, माउ (मातृ) शब्द एकवचन
बहुवचन
प्र० माओ, माअरा
माअरा, माअराउ, माअराओ, माआ, माआउ, माआओ, माऊ, माऊउ, माऊओ माअरा, माअराउ, माअराओ, माआ, माआउ, माआओ, माऊ, माऊउ, माऊओ माअराहि, माअराहि, माअराहिं माहि, माहि, माआहिं
द्वि० माअं, माअरं
तृ० माअराअ, माअराइ, माअराए
माआअ माआइ, माआए
माऊअ, माऊआ, माऊ, माऊए माऊहि, माऊहिं, माऊहिँ
पं०
• माअराअ, माअराइ, माअराए माअरतो, माअराओ माअराउ माअराहिन्तो, माआअ माआइ, माआए माअत्तो, माआओ
माअरत्तो, माअराओ, माअराउ, माअराहिन्तो, माअरासुन्तो माअत्तो, माआओ, माआउ माहिन्तो, माआसुन्तो,
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