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प्राकृत वाक्यरचना बोध
नियम ५६४ ( अम्ह मम मह मज्झा ङौ ३।११६ ) अस्मद शब्द को ङि परे हो तो चार आदेश होते हैं । ङि का आदेश म्मि होता है । अम्हम्मि ममम्मि, महम्मि, मज्झम्मि ( मयि )
नियम ५६५ ( सुपि ३।११७ ) अस्मद् शब्द को सुप् परे हो तो अम्ह, मम, मह और मज्झ चार आदेश होते हैं । अम्हेसु, ममेसु, महेस, मज्झेसु । (अस्मासु )
प्रयोग वाक्य
पवालो आउव्वेयस्स दिट्ठीए अइसत्तिसंपण्णो रयणो अत्थि । मरगयो हरियवण्णो खणिजो य विज्जइ । पुप्फरायो अणेगेसु वण्णेसु मिलइ । वइरो सुक्क हस्स पियरयणो अत्थि । नीलमणी सणिवारे गहिअव्वो । गोमेयो आउव्वेस्स दिट्ठीए अइलाभदी अस्थि । वेडुरिओ मज्जारस्स णयणाई पिव विभाइ । अमुम्मि जयरे सुरकंतो कस्स पासे अस्थि ? फलिहो पारदंसी भवइ । चंदकंतो सोमवारे अंगुलीए गहिअव्वो । सप्पमणी सुलहा नत्थि । जेउर (जयपुर) णयरे माणिक्कस्स वावारो अस्थि न वा ? मुत्तावलि दठ्ठे अहं अत्थ आगओ । धातु प्रयोग
सो अंगुली अद्दवत्थखंडं कहं संवेल्लइ ? तुमए सह अहं न संवसामि । अहं अवररत्तीए संविभावेमि । किं तुमं तम्मि संमुज्झसि ? संवरो कम्माई संवरइ । सानवतत्ताइं संविदइ । सो मुहु मुहु कहं नेत्ताइं संमिल्लइ ? गोयरग्गगओ मुणि न संलवे ।
प्राकृत में अनुवाद करो
मूंगा मूल्यवान् होता है । पन्ने में गर्मी सहने की शक्ति अधिक है । पुखराज विश्व विख्यात रत्न है । हीरा अनेक देशों में प्राप्त होता है पर भारत का हीरा प्रसिद्ध है । नीलम श्वासरोग और ज्वर में लाभदायक है । गोमेद के प्रभाव को ज्योतिषी और तांत्रिक दोनों स्वीकार करते हैं । लहसुनिया केतु ग्रह के दुष्प्रभाव को दूर करता है । सूर्यकांतमणि रविवार को पहनना चाहिए | चंद्रकान्तमणि का क्या मूल्य है ? माणिक नवरत्नों में एक है । मोती सफेद और चमकदार होता है ।
धातु का प्रयोग करो
वह बात को लपेट कर कहता है । जो तुम्हारे साथ में रहता है वह तुम्हें जानता है । क्या तुम एकान्त में पर्यालोचन करते हो ? वह अन्य पुरुष पर मुग्ध नहीं होती है । तुम त्याग से अपने पापों को रोकते हो। मैं तुम्हारा ज्ञान जानता हूं । जो संकोच करता है, वह कौन है ? तुम किसके साथ बातचीत करते हो ?
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