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भगवती आराधना 'विठापुण्णो' विष्टाभिः पूर्णः । 'भिण्णो व घडो' भिन्नघट इव । 'कुणिम' कथितं । 'समंतदो' समन्तात् । 'गलदि' क्षरति 'पूइंगालोव्ववणो' गलत्पूतिनिचितक्रिमिव्रणवत् । 'पूदि च वादि सदा' दुरभिवाति सदा । 'णिग्गमणं सम्मत्तं' ॥१०३७॥
इंगालो धोवंते ण सुज्झदि जहा पयत्तेण । सव्वेहिं समुद्देहिम्मि सुज्झदि देहो ण धुव्वंतो ॥१०३८।। सिण्हाणुब्भंगुव्वट्टणेहिं महदंतअच्छिधुवणेहिं ।
णिच्चपि घोवमाणो वादि सदा पूदियं देहो ॥१०३९॥ 'सिण्हाणुन्भंगुठवट्ठणेहिं य' स्नानेन, अभ्यङ्गेन, उद्वर्तनेन । 'मुहदंतअच्छिधुवणेहि' मुखस्य दन्तानामक्ष्णोश्च प्रक्षालनेन । “णिचंपि धुव्वमाणो' नित्यमपि क्रियामाणशीचः । 'वाति सदा पूदिगं देहो' दुरभिगन्धतां न त्यजति देहः ॥१०३९।।
पाहाणघादुअंजणपुढवितयाछल्लिवल्लिमूलेहिं ।
मुहकेसवासतंबोलगंधमल्लेहिं धूवेहिं ॥१०४०।। - पाहाणंघादुअंजणपुढवितयाछल्लिवल्लिमूहि' पाषाणशद्वेन रत्नान्युच्यन्ते । धातुर्जलं । अञ्जणं अञ्जनं मषी च । 'पुढवी' मृत्तिका । 'तया' त्वक् । 'मुखवासः' । मुखं वास्यते मुखं गन्धतां नीयते येनासो मुखवासः । केशाः सुरभितां प्राप्नुवन्ति येनासौ केशवासः, एतैः पाषाणादिभिः ॥१०४०॥
अभिभूददुन्विगंधं परिभुज्जदि मोहिएहिं परदेहं ।
खज्जति पूइयमं संजुत्तं जह कडुगभंडेण ॥१०४१।। _ 'अभिभूददुन्विगंधो' निरस्ताशुभगन्धः । 'परदेहं संजुत्तं' परस्य देहः संयुक्तः । 'मोहिदेहि' मूढः । परिभुज्यते । 'खज्जदि' भुज्यते। 'पूइयगं मांसं' यथा युक्तं संस्कृतं । 'कडुगभंडेण' मरिचैहिंग्वादिभिश्च ॥१०४१॥
गा-जैसे कोयलेको सब समुद्रके जलसे प्रयत्नपूर्वक धोनेपर भी वह उजला नहीं होता, उसमेंसे कालापन ही निकलता है, वैसे ही शरीरको बहुत जलादिसे धोनेपर भी वह शुद्ध नहीं होता, उसमेंसे मल ही निकलता है ॥१०३८॥
_ गा०-स्नान, इत्र फुलेल, उबटन आदिसे तथा मुख दाँत और आँखोंको धोनेसे नित्य ही स्वच्छ करनेपर भी शरीर सदा दुर्गन्ध देता है, वह उसे छोड़ता नहीं ॥१०३९।।।
गा०-टी०-पाषाण शब्दसे रत्नोंको कहा है। धातुसे जल लिया है। पृथ्वीसे मिट्टीका ग्रहण किया है। त्वचासे मध्यकी त्वचा ली है और छालसे ऊपरकी छाल ली है। अतः रत्न, जल, अंजन, मिट्टी, त्वचा, छाल देल और जड़से तथा मुखको सुवासित करनेवाले ताम्बूल आदि और केशोंको सुगन्धित करनेवाले गन्धमाला धप आदिसे परके शरीरकी दुर्गन्ध दूर करके मढ़जन मोहित होकर पराये शरीरको भोगते हैं। जैसे मिर्च, हींग आदि मसालें मिलाकर, दुर्गन्धयुक्त
१. जह महापयत्तेण-आ० मु० ।
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