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Contribution of Jainas to Sanskrit and Prakrit Literature
श्री तुलसी स्तोत्रम् वीतराग स्तुतिः तेरापंथी स्तोत्रम् तुलसी स्तोत्रम् जिनचतुर्विंशतिका चतुर्विंशति स्तवनम् श्रीतुलसी स्तोत्रम् शिवाष्टकस्तोत्रम् गुरुगौरवम् पद्मप्रभस्तवनम् आचार्य ज्ञानसागर संस्तुतिः अभिनव स्तोत्रम् गणेश स्तुतिः आचार्य शिवसागरस्तुतिः श्रीमद् वर्णि गणेशाष्टकम् पपौराष्टकम् वर्णीसूर्यः तं नम्यते मुनिवरप्रमुखाय तस्मै पूज्यायिकां रत्नमती नमामि अहारतीर्थस्तोत्रम् गणेशाष्टकम् चन्द्राष्टकम् विद्यासागर स्तवम् सरस्वतीवन्दनाष्टकम् अहारतीर्थ स्तवनम् विद्याष्टकम् ज्ञानमती पंचकम् क्षमासागरवन्दना
मुनि पूनमचन्द्र ' - चन्द्रन मुनि
मुनि नथमल मुनि नथमल मुनि नथमल आचाय तुलसी मुनि बुद्धमल
जिनमती माताजी मुनि डूंगरमल
पं० जवाहरलाल शास्त्री - पं० मूलचन्द्र शास्त्री
पं० मूलचन्द्र शास्त्री पं० मूलचन्द्र शास्त्री पं० मूलचन्द्र शास्त्री
पं० ठाकुरदास शास्त्री - पं० मूलचन्द्र शास्त्री
पं० अमृतालाल दर्शनाचार्य - डॉ० दामोदर शास्त्री
डॉ० दामोदर शास्त्री पं० गोविन्ददास कोठिया आचार्य गोपीलाल 'अमर' रंजनदेव सूरी पं० भुवनेन्द्रकुमार शास्त्री डॉ० दयाचन्द्र साहित्याचार्य पं० बारेलाल राजवैद्य
डॉ० भागचन्द्र जैन 'भागेन्दु' ____ डॉ० भागचन्द्र जैन 'भागेन्दु'
डॉ० भागचन्द्र जैन 'भागेन्दु'
शतककाव्य :
मुनिमनोरंजनशतकम्
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आचार्य ज्ञानसागर
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