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________________ 286 १६१. पातञ्जलयोगदर्शनम् (वाचस्पतिमिश्र कृत तत्त्ववैशारदी, विज्ञानभिक्षु कृत योगवार्तिक एवं व्यासभाष्य सहित ) - भारतीय विद्या प्रकाशन, वाराणसी, १६८१ १६२. पातञ्जलयोगदर्शनम् - भास्वती, हरिहरानन्द आरण्यक, मोतीलाल बनारसी दास, दिल्ली, १६३. पातञ्जलयोगदर्शन एवं हारिभद्रीय योगविंशिकाटीका यशोविजय, (संपा० ) पं० सुखलाल, जैन आत्मानन्द सभा, भावनगर, सन् १९२२ १६४. पातञ्जलयोगसूत्रम् (भावप्रकाशिका हिन्दी व्याख्या सहित ) चौखम्बा संस्कृत संस्थान, वाराणसी, वि० सं० २०४० १६५. पासणाहचरियं - देवभद्रसूरि, मणिविजय गणिवर ग्रन्थमाला, अहमदाबाद, १६४५ १६६. पाहुडदोहा – रामसिंह मुनि, (संपा०) हीरालाल जैन, जैन पब्लिकेशन सोसाइटी, कारंजा, वि० सं० १६६० १६७. पिंडनियुक्ति - भद्रबाहु देवचन्द्र लालभाई, जैन पुस्तकोद्धार संस्था, सूरत, १६११ १६८. पुरातनप्रबंधसंग्रह - (संपा० ) मुनि जिनविजय, सिंघी जैन ग्रन्थमाला, कलकत्ता, १६३६ पातञ्जलयोग एवं जैनयोग का तुलनात्मक अध्ययन १६६. पुरुषार्थसिद्धयुपाय - अमृतचन्द्र, परमश्रुत प्रभावक मण्डल, अगास, १९७७ २००. प्रज्ञापनासूत्र (मलयगिरि वृत्ति सहित) - (अनु०) भगवानदास हर्षचन्द्र, शारदा भवन जैन सोसाइटी, अहमदाबाद, वि० सं० १६६१ २०१. प्रज्ञापना- प्रदेश- व्याख्या (पूर्व भाग) हरिभद्र, ऋषभदेवजी केसरीमलजी श्वे० संस्था, रतलाम, १६४७ २०२. प्रज्ञापना- प्रदेश- व्याख्या (उत्तर भाग) - हरिभद्र, जैन पुस्तक प्रचारक संस्था, सूर्यपुर, १६४६ २०३. प्रबन्धकोश - (संपा०) मुनि जिनविजय, शान्ति निकेतन, विश्व भारती २०४. प्रबन्धकोष या चतुर्विंशतिप्रबंध - राजशेखर, श्री फार्बस गुजराती सभा, बम्बई, १९३२ २०५. प्रबन्धचिंतामणि - मेरुतुंगाचार्य, (संपा०) जिनविजय, सिंघी जैन ग्रन्थमाला, अहमदाबाद १९४० २०६. प्रभावकचरित्र - चन्द्रप्रभसूरि, निर्णय सागर प्रेस, बम्बई, १६०६ २०७. प्रभावकचरित प्रभाचन्द्राचार्य, (संपा० ) जिनविजय, सिंघी जैन ग्रन्थमाला, अहमदाबाद, १६४० २०८. प्रमाणनयतत्त्वलोकालंकार - वादिदेव सूरि तिलोक रत्न स्थानकवासी जैन धार्मिक परीक्षा बोर्ड, 1 - पाथर्डी, १६७२ २०६ प्रमाण- मीमांसा हेमचन्द्र, (संपा० ) सुखलाल संघवी, सिंघी जैन ग्रन्थमाला, कलकत्ता, १६३६ २१०. प्रवचनसार - कुन्दकुन्दाचार्य, (संपा० ) ए.एन. उपाध्ये, श्रीमद् राजचन्द्र जैन शास्त्रमाला, अगास, १६६४ - - २११. प्रवचनसारोद्धार २१२. प्रशमरति Jain Education International नेमिचन्द्र सूरि, देवचन्द लालभाई जैन पुस्तकोद्धार संस्था, बम्बई, १६.२२ उमास्वाति, श्रीनिर्ग्रन्थ साहित्य प्रकाशन संघ, दिल्ली, १६६६ २१३. प्रश्नव्याकरणसूत्र (संपा० ) अमरमुनि, सन्मति ज्ञानपीठ, आगरा, १६७३ २१४. प्राकृतव्याकरणम् - हेमचन्द्र, (संपा० ) रतनलाल संघवी, श्री जैन दिवाकर दिव्य ज्योति कार्यालय, ब्यावर, १९६३ २१५. प्राभृतसंग्रह - कुन्दकुन्द (संपा०) कैलाशचन्द्र शास्त्री, जैन संस्कृति संरक्षक संघ, शोलापुर, १६६० २१६. बृहत्कल्पभाष्य - अमोलक ऋषि, सिकन्दराबाद जैन संघ, हैदराबाद, वि० सं० २४४६ २१७. बृहत्कल्पसूत्र (निर्युक्ति व भाष्य सहित ) ( भाग १- ६ ) – भद्रबाहु, जैन आत्मानन्द सभा, भावनगर, १९३३-३८. For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001981
Book TitlePatanjalyoga evam Jainyoga ka Tulnatmak Adhyayana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAruna Anand
PublisherB L Institute of Indology
Publication Year2002
Total Pages350
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Yoga
File Size25 MB
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