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________________ ३६] जिनविजय जीवन-कथा महाविद्वान् महावीर प्रसादजी द्ववेदी द्वारा लिखी गई बड़ी महत्व की समालोचनाएँ “सरस्वती" में मैंने पढ़ीं, तभी से आपके बारे में जानने की मुझे विशेष जिज्ञासा हुई, प्रसंग वश मैंने अजमेर में गौरीशंकरजी ओझा से पूछा तो, उन्होंने आपका विशेष परिचय दिया और बोले कि ये तो असल में आपके रूपाहेली के रहने वाले हैं। क्या आपको इनके पिता आदि का परिचय नहीं है ? ये बचपन में ही पिता की मृत्यु के बाद, वृद्ध यतिवर देवीहँसजी की सेवा के निमित्त उनके साथ चले गये और फिर अनेक साधु संतों आदि के सहवास में रहते हुये इन्होंने गहरा अध्ययन किया, और अब बड़े विद्वान् जैन मुनि के रूप में, गुजरात, महाराष्ट्र आदि में सुविख्यात हैं । इतिहास और संस्कृत, प्राकृत आदि भाषाओं के नामी विद्वान् हैं, इनसे मेरा बहुत घनिष्ठ सम्पर्क है । बम्बई और पूना में मैंने इनके दर्शन भी किये हैं। इत्यादि अनेक प्रकार की जानकारी जब ओझाजी से प्राप्त हुई, तभी से मैं भी आपके दर्शन आदि करना चाहता था, और तभी कुछ समय पहले अखबारों में अहमदाबाद में स्थापित गुजरात पुरातत्व मंदिर के तथा उसके अध्यक्ष स्थान पर आपकी नियुक्ति हुई यह जानकर मुझे और भी अत्यधिक उत्सुकता उत्पन्न हुई, यह मेरा अहोभाग्य है कि आज आप स्वयं यहाँ पधार कर मुझे कृतार्थ कर दिया। इस प्रकार की बहुत सी बातें वे करते रहे फिर मैंने भी अपने विषय में कितनीक बातें उन्हें सुनाई, रूपाहेली छोड़े बाद जीवन चक्र कसे घूमता रहा, और पिछले बीस बाईस वर्ष कैसे व्यतीत हुये, इसका संक्षेप में कुछ हाल सुनाया। बाद में मैंने उनसे कहा कि मेरा आज यहाँ अकस्मात् और अज्ञात रूप में आने का उद्देश्य, मुझे अपनी माता के विषय में जानकारी और साथ ही अपने पिता दादा आदि के जीवनवृत्त की कुछ बातें जाननी हैं। जो शायद आपको ठीक २ ज्ञात हो सकती हैं। मेरे पिता यहाँ रूपाहेली में कैसे पाये, कितनी समय रहे ? उनके परिवार का कोई अन्य व्यक्ति है या नहीं ? मुझे इन बातों का किंचित भी परिज्ञान नहीं है, रूपाहेली छोड़े बाद न मुझे इधर का कोई व्यक्ति ही मिला और न मुझे अपनी Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001967
Book TitleJinvijay Jivan Katha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinvijay
PublisherMahatma Gandhi Smruti Mandir Bhilwada
Publication Year1971
Total Pages224
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Biography
File Size11 MB
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