________________
प्रकाशकीय
तपागच्छाधिराज पूज्यपाद आचार्यदेव श्रीमद् विजयरामचन्द्रसूरीश्वरजी म. सा. के प्रधान पट्टधर सुविशाल गच्छाधिपति पूज्यपाद आचार्यदेव श्रीमद् विजयमहोदयसूरीश्वरजी म. सा. के पुण्यनाम की स्मृति में ट्रस्ट की और से अनेक ग्रन्थ प्रकाशित हो रहे है । 'श्रीविजयमहोदयसूरीश्वरजी म.' ग्रन्थमाला का यह सातवाँ पुष्प है । .
दो प्राचीन व्याख्या और पू. मुनिप्रवर श्री धुरंधर वि. म. लिखित प्रवेश, सम्पादक मुनिप्रवर के विस्तृत 'विमर्श' पू. मुनिप्रवर श्री प्रशमरति वि. म. के रसास्वाद के साथ त्रिपुराभारतीस्तवः प्रकाशित हो रहा है । यह प्रकाशन विद्वज्जनो में स्थान प्राप्त करेगा ऐसा हमे विश्वास है।
इस ग्रन्थमाला के प्रधान प्रेरक शासन प्रभावक पूज्य आचार्यदेव श्रीमद् विजयहेमभूषणसूरीश्वरजी महा. सा. की प्रेरणा से
श्री हसमुखलाल चुनीलाल मोदी चेरीटेबल ट्रस्ट मुंबई ने ग्रन्थ प्रकाशित करने का लाभ लिया है। आपकी श्रुतभक्ति को भूरिश: अनुमोदना ।
ज्ञाननिधि से प्रकाशित इस ग्रन्थ का उपयोग करने से पहेले गृहस्थवर्ग ज्ञाननिधि में उचित मूल्य अवश्य प्रदान करें यही विनंति ।।
प्रवचन प्रकाशन
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org