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अध्याय 31]
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संगतताबरण समतांधा.सुरनत मुखाबसुशी बिरसदनानि बिचित्रमा बिता
36 (घ) नर्तक, आदिपुराण (वर्ग-2) के एक पत्र पर, लगभग 1475 ई० (लेख में देखिए जहाँ इससे बाद के समय
पर विचार किया गया है), कदाचित् दिल्ली, उत्तर भारतीय शैली (निजी संग्रह)
पश्चिम भारत
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