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________________ अध्याय 31 ] लघु-चित्र बालाNिTACSTSta याटसलपरताशधापनापरिनिःसरावदसाललाटणासाना मलिकतालामक्रिमिनाहानुसाझातःकडबाकु लिम मुकासलतिवरत्यार्तिसदितानियारातानितीतजक ताका सोबिलाततिवसामानलासुकोसलानाबिनिघय द्यान्न छायमानानिलकवादशनाखराकानीम्रक्यितावासपालयहथे। दीपगालेमरवातिकातडमोतारामतिछेदायितेपुण्यहनिम् इबशुनयाराजादयापाबाहयाधरणातनरामकु प्रमदिनभरखा समांतदातीनातमयमसदाइकादग्रतीपरमानंदानालसंपत्पधारा१८2 जानिस्तावमा नावमा RSTIA RE (क) अयोध्यानगरी, आदिपुराण की पाण्डुलिपि में वर्ग-2, (चित्र-282 ख के अनुसार) (निजी संग्रह) १-जिल्लना मादुपियार्यानिशान राम्ररिवणादियमछविणावारिदिमडगवरदयनराशवनावनाशिता हनतापनिविदारितामामयमऽazammनाभित्रायानिनिगराननित्रिीमा (ख) यशोधर का मत्स्य के रूप में जन्म, यशोधरचरित की पाण्डुलिपि में, 1590 ई०, आमेर (निजी संग्रह) चित्र 283 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001960
Book TitleJain Kala evam Sthapatya Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakshmichandra Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1975
Total Pages400
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Art
File Size24 MB
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