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अध्याय 31 ]
नालीकलगारा: मिदिहाजावा
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दाऊलगाया। सुहाग
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(क) एक पाण्डुलिपि में तीर्थंकर के जन्म का चित्रांकन 1367 ई०, गुजराती या पश्चिम भारतीय शैली ( पहले मुनि जिनविजयजी के संग्रह में थी )
मयामवदागारा सम्मितीया मेदे ||अरकलाला देण! मामाजाबदार गा बालसाचे विमायपरिस वित्तविस्मसा वदतिका लगात
(ख) एक पाण्डुलिपि में तीर्थंकर के पंच मुष्टि-लोच का चित्रांकन, लगभग चौदहवीं शताब्दी का अंतिम भाग, गुजराती या पश्चिम भारतीय शैली (जैसलमेर भण्डार )
चित्र 275
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लघु-चित्र
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